Retail Inflation Rate: लगातार बढ़ती महंगाई से आम जनता को एक बार फ‍िर थोड़ी राहत म‍िली है. सोमवार सुबह जारी थोक महंगाई दर के बाद शाम के समय खुदरा महंगाई दर के आंकड़े ने आम आदमी के साथ सरकार को भी राहत दी है. महंगाई दर को कम करना सरकार के साथ आरबीआई (RBI) के ल‍िए भी चुनौती बना हुआ है. इस साल जनवरी के बाद से अब तक खुदरा महंगाई दर 6 प्रत‍िशत के ऊपर बनी हुई है.


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4 प्रत‍िशत पर लाने के ल‍िए केंद्रीय बैंक प्रत‍िबद्ध
महंगाई दर के लगातार च‍िंताजनक स्‍तर पर बने रहने के कारण प‍िछले द‍िनों एमपीसी की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में एमपीसी सदस्‍यों ने महंगाई के लगातार बढ़ते स्‍तर पर व‍िचार-व‍िमर्श कर सरकार को र‍िपोर्ट सौंपी है. बैठक के बाद र‍िजर्व बैंक के गवर्नर शक्‍त‍िकांत दास ने कहा था क‍ि महंगाई दर को 4 प्रत‍िशत पर लाने के ल‍िए केंद्रीय बैंक प्रत‍िबद्ध है.


खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 6.77 प्रतिशत पर आई
इसके साथ ही आरबीआई (RBI) गवर्नर ने दावा क‍िया था क‍ि अक्‍टूबर की महंगाई दर का आंकड़ा 7 प्रत‍िशत से नीचे रहेगा. अब उनकी यह भव‍िष्‍यवाणी सच हो गई है. खाद्य उत्पादों के दाम कम होने से अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) घटकर 6.77 प्रतिशत पर आ गई है.


RBI के संतोषजनक स्तर से ऊपर
हालांकि यह अभी आंकड़ा अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के संतोषजनक स्तर से ऊपर है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने सितंबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 7.41 प्रतिशत थी. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जनवरी से ही 6 प्रतिशत की संतोषजनक सीमा से ऊपर बनी हुई है.


चार प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी
सरकार ने केंद्रीय बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी दी हुई है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के ताजा आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 7.01 प्रतिशत रही, जो सितंबर महीने में 8.6 प्रतिशत थी. आरबीआई मौद्रिक नीति बारे में निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर ही गौर करता है.


सोमवार को ही थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े भी जारी किए गए. इसके मुताबिक खाद्य, ईंधन और विनिर्मित उत्पादों के दाम कम होने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में घटकर 19 महीने के निचले स्तर 8.39 प्रतिशत पर आ गयी.


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