MCLR Hike: SBI और Axis बैंक के ग्राहकों को तगड़ा झटका! बढ़ गई लोन की ब्याज दरें, फटाफट चेक करें लेटेस्ट रेट
MCLR Hike: बढ़ती महंगाई के बीच एक और झटके वाली खबर है. अगर आप एसबीआई या ऐक्सिस बैंक के ग्राहक हैं तो आपके लिए ये खबर बहुत जरूरी है. दोनों ही बैंकों ने अपने लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी है. आइए जानते हैं दोनों ही बैंकों के लेटेस्ट इंटेरेस्ट रेट्स.
SBI, Axis Hike MCLR: देश में बढ़ती महंगाई ने लोगों की जेब ढीली कर रखी है. अगर आप एसबीआई या ऐक्सिस बैंक के ग्राहक हैं तो आपको एक और बड़ा झटका लगने वाला है. दरअसल, दोनों ही बैंकों ने अपने लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. पहले सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक SBI ने लोन महंगा किया, उसके बाद ऐक्सिस बैंक ने भी लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं.
बैंकों ने बढ़ाई लोन की ब्याज दरें
निजी क्षेत्र के AXIS बैंक ने सोमवार को अपनी ब्याज दरों में 0.05 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. बैंक ने इसकी जानकारी दी है. इससे पहले सोमवार को ही, एसबीआई ने भी इंटरनल बेंचमार्क से जुड़ी ब्याज दरों में 0.10 फीसदी का इजाफा कर दिया है. बैंक ने कहा है कि नई ब्याज दरें 15 अप्रैल से ही प्रभावी मानी जाएंगी.
AXIS बैंक के ग्राहकों पर भी असर
प्राइवेट बैंक ऐक्सिस बैंक (AXIS Bank) ने अपना कर्ज महंगा कर दिया है. बैंक ने MCLR में 0.05 फीसदी की बढ़ोतरी की है. ये बढ़ी हुई ब्याज दरें आज यानी 18 अप्रैल से लागू हो गई हैं.
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जानिए क्या है MCLR?
एमसीएलआरएक (MCLR) मानक है जिससे किसी भी बैंक के आंतरिक खर्च व लागत के आधार पर ब्याज दरें तय की जाती है. इसमें कोई बदलाव तभी होता है, जबकि आरबीआई रेपो रेट में बदलाव करता है.
इन कर्जदारों पर नहीं पड़ेगा असर
एसबीआई ने अपने सभी अवधि वाले कर्ज के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट यानी MCLR में 10 आधार अंक (0.10 फीसदी) की बढ़ोतरी की है, जो 15 अप्रैल, 2022 से ही प्रभावी हो गई है. अब इसके बाद एसबीआई के सभी तरह के कर्ज होम, ऑटो और अन्य लोन भी महंगे हो गए हैं. लेकिन इसी के साथ आपको बता दें कि ऐसे कर्ज जो रेपो रेट जैसे बाहरी बेंचमार्क से जुड़े होंगे, उन पर इसका असर बिल्कुल नहीं पड़ेगा.
आप पर कितना बढ़ेगा बोझ?
अब बात करते हैं कि आप पर कितना बोझ बढ़ेगा? अगर आपने सबीआई से 20 लाख रुपये का लोन 20 साल के लिए लिया है और उस पर 7 फीसदी का ब्याज चुका रहे हैं तो आपकी 15,506 रुपये की ईएमआई आएगी. लेकिन अब आपका 7.10 फीसदी के हिसाब से ब्याज दर होने पर आपकी ईएमआई बढ़कर 15,626 रुपये हो जाएगी. यानी हर साल ईएमआई के रूप में आपके ऊपर 1,440 रुपये का बोझ बढ़ जाएगा.