नई दिल्‍ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसबीआई पर जुर्माना लगाया है. नियामकीय निर्देशों (Regulatory Directions) का पालन नहीं करने के मामले में देश के सबसे बड़े कर्जदाता स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) पर आरबीआई ने 1 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना (Penalty) लगाया है.
आरबीआई ने इस मामले में बताया है कि एसबीआई की ओर से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (फ्रॉड्स क्‍लासिफिकेशन एंड रिपोर्टिंग बाय कमर्शियल बैंक्‍स एंड सेलेक्‍ट फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशंस) निर्देश 2016 का पालन नहीं करने पर इस जुर्माने की कार्रवाई की गई है.


एसबीआई ग्राहकों पर क्‍या होगा असर?


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आरबीआई ने इस मामले पर कहा कि एसबीआई ने कमर्शियल बैंकों (Commercial Banks) और चुनिंद वित्‍तीय संस्‍थानों (Financial Institutions) की ओर से ग्राहकों के साथ हुई धोखाधड़ी के वर्गीकरण (frauds classification) और उनकी रिपोर्टिंग किए जाने के नियमों का उल्‍लंघन किया था.
आरबीआई ने बताया कि उसने यह जुर्माना बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा-47ए (1)(सी) के प्रावधानों के तहत मिली शक्तियों का इस्‍तेमाल करते हुए लगाया है. आरबीआई ने यह भी कहा कि यह कार्रवाई नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है. लेकिन आपको बता दें कि बैंक की ओर से ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर असर नहीं होगा.


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आरबीआई ने की एक ग्राहक खाते की जांच


दरअसल, आरबीआई ने एसबीआई की ओर से मेंटेन किए जाने वाले एक ग्राहक के खाते की जांच-पड़ताल की. इस जांच में पता चला कि एसबीआई ने आरबीआई निर्देशों के अनुपालन में देरी की है. आरबीआई ने ग्राहक के खाते के साथ ही उससे संबंधित कॉरेस्‍पॉन्‍डेंस और अन्य बातों की भी सारी पड़ताल की.


इसमें पता चला कि एसबीआई की तरफ से खाते में धोखाधड़ी की सूचना आरबीआई को देरी से दी गई. इतना ही नहीं, इसके बाद इस मामले में बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया कि निर्देशों का पालन नहीं करने पर उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए? इस पर एसबीआई की ओर से दिए गए जवाब पर विचार करने के बाद आरबीआई ने देश के सबसे बड़े कर्जदाता एसबीआई पर 1 करोड़ रुपये का जुर्मान लगाने का फैसला किया.


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