SEBI ने साइबर सेफ्टी चौक चौबंद करने के लिए जारी किये दिशानिर्देश
नए दिशानिर्देश के तहत बाजार से जुड़ी सुविधाएं प्रदान करने वाले ढांचागत संस्थानों (एमआईआई), शेयर बाजारों, समाशोधन निगम और डिपॉजिटरी को एक वित्त वर्ष में कम से कम दो बार व्यापक साइबर ऑडिट करना जरूरी है.
cyber security: मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने साइबर सुरक्षा को और चाक चौबंद करने के लिए शेयर बाजार और बाजार से जुड़ीं सुविधाएं प्रदान करने वाले ढांचागत संस्थानों के प्रबंध निदेशकों (एमडी) या मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि नए दिशानिर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे.
नए दिशानिर्देश के तहत बाजार से जुड़ी सुविधाएं प्रदान करने वाले ढांचागत संस्थानों (एमआईआई), शेयर बाजारों, समाशोधन निगम और डिपॉजिटरी को एक वित्त वर्ष में कम से कम दो बार व्यापक साइबर ऑडिट करना जरूरी है. साइबर ऑडिट रिपोर्ट के साथ, सेबी ने सभी एमआईआई को अपने प्रबंध निदेशक या सीईओ से अनुपालन की घोषणा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
इसके तहत प्रमाणित करना है कि संगठन की सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली में कमजोरियों की पहचान के साथ-साथ उन्हें दूर करने के लिए उपयुक्त उपाए किए गए हैं. इसके अलावा, उन्हें यह प्रमाणित करना है कि उनके सुरक्षा संचालन केंद्र (एसओसी) के लिए पर्याप्त संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है और एमआईआई द्वारा साइबर सुरक्षा से संबंधित सेबी के सभी परिपत्रों और सलाह का अनुपालन किया गया है.
साथ ही एमआईआई को अपने संबंधित ‘संरक्षित सिस्टम’ में मिलीं कमजोरियों के नियमित जानकारी राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (एनसीआईआईपीसी) को भेजने के लिए अनिवार्य किया गया है. एमआईआई को 30 दिनों के भीतर सेबी को नए दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन की स्थिति बताने का निर्देश दिया गया है.