दिल्ली: सरकारी रुपये का बकाया न चुकाना कितना भारी पड़ सकता है इसका एक और उदाहरण सामने आ गया है. बाजार नियामक SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने 6 लोगों के खिलाफ कुर्की (Attachment) के आदेश जारी कर दिए हैं. ये मामला 10 साल से ज्यादा पुराना है जिसमें अब SEBI ने दोषियों पर शिकंजा कस दिया है.


3.24 करोड़ के बकाए का है मामला


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SEBI ने कुल 6 फर्म के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. SEBI ने प्रेम कुमार गुप्ता, नवीन कुमार तायल, ज्योतिका संजय तायल, अदविक टेक्सटाइल्स एंड रीयलप्रो प्राइवेट लिमिटेड, कुलविन्दर कुमार नायर और आजम मोहम्मद ऐशान शेख के बैंक और डीमैट खातों और म्यूचुअल फंड निवेश को कुर्क करने का आदेश दिया है. इन सभी पर मिलाकर 3.24 करोड़ रुपये का बकाया है जिसे नोटिस के बावजूद जमा नहीं किया गया है.


बैंक ऑफ राजस्थान से जुड़ा है मामला


ये पूरा मामला बैंक ऑफ राजस्थान से जुड़ा हुआ है. बैंक ऑफ राजस्थान का 2010 में ICICI में विलय हो चुका है जिसके बाद अब ICICI बैंक ही इस मामले की पैरवी कर रहा है. करीब 10 साल पहले ही बैंक ऑफ राजस्थान ने इन सभी लोगों के खिलाफ SEBI में शिकायत की थी, जिसके बाद पिछले साल मई में इन लोगों पर SEBI ने जुर्माना ठोक दिया था. नोटिस के बावजूद इन लोगों ने जुर्माने की रकम को जमा नहीं किया जिसके बाद अब SEBI ने कुर्की (Attachment) के आदेश जारी कर दिए हैं.


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क्या होती है कुर्की


किसी भी प्राधिकरण (Authority) के आदेश की अवहेलना करने पर उसे ये अधिकार होता है कि वो दोषी की संपत्ति को कुर्क कर ले. आम तौर पर ये आदेश अदालत की तरफ से जारी किया जाता है लेकिन SEBI जैसी स्वतंत्र इकाइयों को भी कुर्की के आदेश जारी करने का अधिकार है. जुर्माने की रकम जमा न करने पर SEBI वसूली के लिहाज से ऐसी कार्रवाई करता है.


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