Hindenburg Report: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर देश दुनिया से प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. इसी कड़ी में अब इस रिपोर्ट आने के बाद पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. सेबी ने कहा है कि उसने अडानी समूह के खिलाफ सभी आरोपों की जांच की है. सेबी ने बयान में कहा कि उसकी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने समय-समय पर संबंधित जानकारी दी और संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग रखा है. सेबी ने यह भी कहा कि उसने अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों की विधिवत जांच की है. 


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अपने बयान में सेबी ने आगे कहा कि उसकी 26 जांचों में से अंतिम जांच अब पूरी होने वाली है. वहीं बुच और उनके पति धवल ने पहले ही आरोपों को निराधार बताया था. दंपति ने कहा कि हिंडनबर्ग पूंजी बाजार नियामक की विश्वसनीयता पर हमला कर रही है और चेयरपर्सन के चरित्र हनन का भी प्रयास कर रही है.


निवेशकों को शांति बनाए रखने की नसीहत दी


इसके अलावा सेबी ने निवेशकों को शांति बनाए रखने और सोच समझकर कदम उठाने की नसीहत दी है. कहा है कि Hindenberg की जिस पर रिपोर्ट, उन शेयरों में शॉर्ट पोजिशन हो सकती है. इसके अलावा यह भी कहा गया कि 24 में से 22 की जांच पहले ही कर ली गई है. एक और की जांच मार्च 2024 में पूरी की है, जबकि बचे हुए एक मामले की जांच पूरी होने के कगार पर है. जिन मामलों में जांच पूरी हुई उनमें कार्रवाई भी शुरू की गई है. जांच की अवधि के दौरान सेबी किसी मामले में कुछ भी कहने से बचता है. इसके अलावा Hindenberg को सेबी नियमों के तहत ही कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.


हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया


यह पूरा बखेड़ा उस समय खड़ा हुआ जब हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि उसे संदेह है कि अडानी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में सेबी की अनिच्छा का कारण यह हो सकता है कि बुच की अडानी समूह से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी थी. रिपोर्ट में साफ दावा किया है कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के बिजनेस कनेक्शन हैं. लेकिन अडानी ग्रुप ने रविवार को हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए ताजा आरोपों को खारिज करते हुए कहा बयान भी जारी किया.


अडानी ग्रुप ने भी दिया बयान


अडानी ग्रुप ने कहा कि यह व्यक्तिगत लाभ के लिए पूर्व निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंचने के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और चालाकीपूर्ण चयन है. एक्सचेंज फाइलिंग में ग्रुप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि यह बदनाम करने के इरादे से किए गए दावों की पुनरावृत्ति है. इन दावों की गहन जांच की गई है और जनवरी 2024 में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन्हें खारिज किया जा चुका है.


मामले को लेकर कांग्रेस हमलावर


इस मामले को लेकर कांग्रेस भी हमलावर हो गई है. राहुल गांधी ने एक बयान में कहा कि सेबी पर लगे आरोप गंभीर हैं इसकी जांच होनी चाहिए और इसका जिम्मेदार कौन है यह भी साफ होना चाहिए. उधर मामले में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इस महा घोटाले की जांच सिर्फ और सिर्फ जेपीसी के द्वारा ही हो सकती है जिससे पीएम डरते हैं. सुप्रिया श्रीनेत ने कहा है कि तत्काल प्रभाव से सेबी की प्रमुख को हटाना चाहिए.