पुणे: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रभावी नियंत्रण की अनुपस्थिति को बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी के लिये जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में रिजर्व बैंक पारदर्शिता एवं जवाबदेही बढ़ाने के लिये बैंकिंग और गैर-बैंकिंग क्षेत्र में कॉरपोरेट संचालन में सुधारों पर ध्यान देगा.


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दास ने यहां एनआईबीएम में 15वें सालाना दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ऐसा पाया गया है कि अधिकांश बैंक धोखाधड़ी के लिये प्रभावी नियंत्रण का नहीं होना जिम्मेदार है. आंतरिक नियंत्रण की एक प्रभावी प्रणाली के लिये मजबूत नियंत्रण व्यवस्था आवश्यक तत्व है. यह निदेशक मंडल और वरिष्ठ प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वे अपने कार्यों एवं कथनों से आंतरिक नियंत्रण के महत्व को रेखांकित करें.’’ 


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उन्होंने कहा, ‘‘बैंकों को नियमित तौर पर अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना चाहिये ताकि वे अपने संबंधित कार्यस्थलों पर आंतरिक नियंत्रण के महत्व को पूरी तरह समझ सकें. बैंकों के निदेशक मंडल को बैंक के भीतर प्रभावी नियंत्रण की संस्कृति विकसित करने के लिये विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है.’’ दास ने कहा कि आने वाले महीनों में उनका पहला और सबसे महत्वपूर्ण काम बैंकिंग एवं गैर-बैंकिंग क्षेत्र में संचालन सुधारों को आगे बढ़ाना होगा.