Kisan Se Baat: क‍िसानों की आमदनी दोगुनी करने और उन्‍हें आर्थ‍िक रूप से सशक्‍त करने के ल‍िए केंद्र सरकार की तरफ से कई योजनाओं का संचालन क‍िया जा रहा है. प्रधानमंत्री क‍िसान सम्‍मान न‍िध‍ि (PM Kisan Samman Nidhi) सरकार की सबसे महत्‍वाकांक्षी योजना है. इसके तहत क‍िसानों को सालाना 6000 रुपये की आर्थ‍िक मदद दी जाती है. अब क‍िसानों की बेहतर उपज और उन्‍हें आर्थ‍िक रूप से मजबूती देने के ल‍िए मोदी सरकार की तरफ से एक और पहल की जा रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की क‍ि किसानों को खेती से जुड़ी वैज्ञानिक जानकारियां मुहैया कराने के लिए सरकार मासिक रेडियो कार्यक्रम 'किसान से बात' (Kisan Se Baat) शुरू करेगी.


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क‍िसानों को बातचीत के ल‍िए प्‍लेटफॉर्म म‍िलेगा


इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री मोदी के लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' से प्रेरित होकर शुरू क‍िया जा रहा है. इसका मकसद किसानों को मंत्री जी, कृषि वैज्ञानिकों और मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत करने का एक प्‍लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है. चौहान ने किसानों को वैज्ञानिक फायदा तेजी से ट्रांसफर करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, ‘किसानों के पास अक्सर जानकारी का अभाव होता है, जिससे कीटनाशकों का दुरुपयोग होता है. हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है.’


सितंबर से शुरू होने की संभावना
सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि इस कार्यक्रम को सितंबर से शुरू क‍िया जाएगा. हो सकता है इसे प्रधानमंत्री के रेडियो कार्यक्रम से एक हफ्ते पहले शुरू क‍िया जाए. गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय कृष‍ि मंत्री ने कहा 'इस दौरान, हम खेती के अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा करेंगे. इसमें अच्छी खेती की विधियां, नई तकनीक और उत्पादन बढ़ाने के नए तरीके शामिल हैं.'


देश को ‘व‍िश्‍व की खाद्य टोकरी’ में बदलने का लक्ष्‍य
'किसान से बात' भारत के कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है. चौहान ने कृषि विज्ञान केंद्रों को किसानों की जरूरतों के साथ एकीकृत करने और कृषिकर्मियों के बीच चर्चा को बढ़ावा देने के महत्‍व पर जोर दिया. मंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘हमारा मकसद भारत को ‘व‍िश्‍व की खाद्य टोकरी’ में बदलना है.’ इस मौके पर उन्होंने राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (NPSS) का भी शुभारंभ किया. कार्यक्रम के दौरान किसानों ने भी शिरकत की.


चौहान ने किसानों को प्राथमिकता देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि पिछली सरकारों ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में किसानों को आमंत्रित नहीं करने की भूल की थी. इस कार्यक्रम में कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर और भागीरथ चौधरी के साथ-साथ आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक भी शामिल हुए.