म्युचुअल फंडों में निवेश करने का है शानदार मौका, 6 फंड कंपनियों के आ रहे हैं NFO
अक्टूबर महीने में तकरीबन 6 म्युचुअल फंड कंपनियां नया फंड ऑफर (NFO) लेकर आ रही हैं, जिनमें निवेशकों को निवेश करने का बेहतर अवसर मिल रहा है.
नई दिल्ली : देश के म्युचुअल फंड कंपनियों के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में पिछले कुछ सालों से हुई अच्छी खासी बढ़ोतरी के बाद अब कुछ म्युचुअल फंड कंपनियां नए फंड ऑफर की पेशकश कर रही हैं. अक्टूबर महीने में तकरीबन 6 म्युचुअल फंड कंपनियां नया फंड ऑफर (NFO) लेकर आ रही हैं, जिनमें निवेशकों को निवेश करने का बेहतर अवसर मिल रहा है.
आंकड़ों के मुताबिक आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड का मैन्युफैक्चरिंग इन इंडिया फंड जहां 5 अक्टूबर को बंद होगा, वहीं एक्सिस ग्रोथ ऑपोर्च्युनिटी फंड 15 अक्टूबर को बंद होगा. महिंद्रा म्युचुअल फंड का महिंद्रा रूरल भारत एंड कंजम्पशन स्कीम 19 अक्टूबर को खुलकर 2 नवंबर को बंद होगी तो इन्वेस्को इंडिया स्मॉल कैप 10 अक्टूबर को खुलकर 24 अक्टूबर को बंद होगा. टाटा स्मॉल कैप फंड 19 अक्टूबर को खुलकर 2 नवंबर को बंद होगा तो एलएंडटी फोकस्ड इक्विटी 29 अक्टूबर को बंद होगा.
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चतुर इन्वेस्टमेंट के संस्थापक और निदेशक संदीप भू शेट्टी कहते हैं कि इक्विटी बाजार में जहां हाल के दिनों में उतार-चढ़ाव रहा है, वहीं इस समय म्युचुअल फंड के जरिए इक्विटी में निवेश करना बेहतर हो सकता है और ऐसी स्थिति में महिंद्रा रूरल एंड कंजम्प्शन फंड योजना एक बेहतरीन एवं आकर्षक निवेश का अवसर प्रदान कर रहा है. निवेशकों को इस पर विचार करना चाहिए.
जैन इन्वेस्टमेंट प्लानर्स प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक विनोद जैन कहते हैं कि ग्रामीण थीम में निवेश लंबी अवधि में एक आकर्षक अवसर पेश कर रहा है. ऐसे में जो निवेशक अपनी निवेश की गई पूंजी में अच्छी-खासी ग्रोथ चाहते हैं, उन्हें इस तरह की ग्रामीण थीम पर आधारित फंडों में निवेश करना चाहिए, क्योंकि वैश्विक उतार-चढ़ाव से ग्रामीण खपत पर ज्यादा असर नहीं होता है.
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निवेशकों को ग्रामीण भारत की जानी मानी और मूलभूत रूप से मजबूत कंपनियों के अच्छी तरह से डाइवर्सिफायड इक्विटी पोर्टफोलियो में निवेश कर भारत की ग्रोथ स्टोरी में शामिल होने का अवसर मिल रहा है. इस तरह की स्कीमें उन कंपनियों में निवेश करती हैं जो ग्रामीण भारत की वृद्धि और ढांचागत रूप से बदलाव से लाभान्वित होने वाली हैं और इस तरह के व्यवसाय में शामिल हैं. इसमें काफी सारे सेक्टर हैं जो लगातार ग्रामीण भारत की आय और खपत के कारण सुधार दिखा सकती हैं.