Indian Company Investment in South Korea: साउथ कोरिया में मार्शल लॉ संकट के बाद वहां राजनीतिक हलचल से वहां का बाजार हिला हुआ है. साउथ कोरिया बाजार 2 फीसदी तक गिर गया. कच्चे तेल की कीमत में 2 फीसदी की तेजी देखने को मिली. साउथ कोरिया संकट का असर भारतीय बाजारों पर भी असर दिख रहा है. साउथ कोरिया संकट का असर उन भारतीय कंपनियों और उनके शेयरों पर दिख सकता है, जिन्होंने वहां भारी भरकम निवेश किया है. 


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भारत और साउथ कोरिया के बीच कितने का कारोबार


भारत और साउथ कोरिया के बीच व्यापारिक संबंधों में बीते कुछ सालों से रफ्तार आई है. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2018 में 21.5 अरब डॉलर था, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में 21.46% बढ़कर 27.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया. अप्रैल-मई 2023-24 के दौरान भारत-साउथ कोरिया के बीच व्यापार  4.29 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. दोनों देशों के बीच न केवल आयात-निर्यात बल्कि कंपनियों का भारी भरकम निवेश मिला. भारतीय कंपनियों ने दक्षिण कोरिया में मोटा निवेश किया है.  


साउथ कोरिया में भारतीय कंपनियों का निवेश  


दक्षिण कोरिया में भारत की तमाम बड़ी कंपनियों ने निवेश किया. टाटा मोटर्स ने वहां करीब 102 मिलियन डॉलर इंवेस्ट किए हैं. टाटा देवू, जो कॉमर्शियल व्हीकल बनाने वाली कंपनी है. उसका हेडऑफिस भी  दक्षिण कोरिया के उत्तरी जिओला प्रांत के गुनसन में है.  इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक SBI ने बड़ा निवेश किया है, राजधानी सिओल में उसकी शाखाएं हैं.  इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), महिंद्रा टेक  जैसी कंपनियों का वहां मोटा पैसा लगा है. जाहिर है कि अगर वहां राजनीतिक स्थिति बिगड़ती है तो इन  कंपनियों की चिंता बढ़ सकती है. अगर कंपनी पर संकट आया ,तो उसके शेयरों पर नकारात्मक असर दिखेगा.