नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने आम्रपाली (Amrapali group) और जेपी बिल्डर के बाद रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक (Unitech) को बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने करीब 30 हजार घर खरीदारों के हितों को ध्यान रखते हुए केंद्र सरकार को कंपनी का प्रबंधन अपने हाथ में लेने को कहा है. 


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अदालत ने इसके साथ ही फोरेंसिक रिपोर्ट में यूनिटेक व उसके निदेशकों द्वारा फ्लैट खरीदारों के हजारों करोड़ रुपये डायवर्ट करने की बात सामने आने के बाद सरकार को प्रवर्तन निदेशालय समेत तमाम एजेंसियों से इस मामले की जांच कराने का निर्देश दिया है.


पीठ ने यूनिटेक के निदेशकों चंद्रा बंधुओं को जमानत देने से भी इनकार किया, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यूनिटेक के मौजूदा निदेशकों को निलंबित करने का निर्देश देते हुए स्वतंत्र निदेशक नियुक्त करने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को केंद्र सरकार की संबंधित अथॉरिटी को इस बारे में कार्रवाई करने के लिए कहा है.


पीठ ने फोरेंसिक ऑडिटर की रिपोर्ट में पाया कि यूनिटेक की 74 परियोजनाओं के लिए घर खरीदारों से जो पैसे लिए गए, उसके अधिकांश हिस्से को किसी अन्य उद्देश्य के लिए कहीं और डायवर्ट कर दिया गया. 29,800 घर खरीदारों ने करीब 14,270 करोड़ रुपये जमा किए थे. साथ ही परियोजनाओं के नाम पर बैंक से लिए लोन में से करीब 40 फीसदी रकम का ही इस्तेमाल परियोजनाओं के लिए हुआ. 60 फीसदी रकम को डायवर्ट किया गया है.