Supreme Court on Rs 2000 Note Plea: सुप्रीम कोर्ट ने बिना पर्ची और पहचान पत्र (ID) के 2,000 रुपये के नोटों को बदलने के नोट‍िफ‍िकेशन को चुनौती देने वाली याचिका को तत्काल ल‍िस्‍टेड करने के मुद्दे पर अपनी रजिस्ट्री से रिपोर्ट मांगी है. याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्‍व‍िनी उपाध्याय ने इस मामले में तत्काल सुनवाई की अपील की है. इसके बाद न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाश पीठ ने यह आदेश जारी किया. इससे पहले शीर्ष अदालत ने इन अधिसूचनाओं को चुनौती देने वाली उपाध्याय की याचिका पर 1 जून को तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था.


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गर्म‍ियों में याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करेगी पीठ


पीठ ने कहा था कि गर्मियों की छुट्टियों के दौरान इस तरह की याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करेगी. उपाध्याय ने बुधवार को कहा कि यह मुद्दा बहुत अहम है क्योंकि माओवादी, आतंकवादी और अलगाववादी 2,000 के नोटों को बदल रहे हैं. मीडिया की खबरों के अनुसार, अबतक 80,000 करोड़ रुपये के नोट बदले जा चुके हैं. पीठ ने कहा, ‘हम मीडिया की खबरों पर नहीं जा सकते. आप शुक्रवार को इसका उल्लेख करें. इस बीच, हम रजिस्ट्री की रिपोर्ट देखेंगे.’


50,000 करोड़ रुपये के नोट लौटाए
न्यायालय ने पूछा कि जब मामले का पहले ही उल्लेख किया जा चुका है, तो इसे कैसे फिर से रखा जा सकता है. इससे पहले अधिवक्ता उपाध्याय ने याचिका को तत्काल ल‍िस्‍टेड करने की अपील करते हुए कहा था कि 2,000 रुपये के नोटों को अपराधियों और आतंकवादियों द्वारा भी बिना किसी पर्ची और पहचान पत्र के बदला जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि बहुत कम समय में 2,000 रुपये के मूल्यवर्ग के नोटों के बदले बैंकों ने ग्राहकों को अन्य मूल्य के 50,000 करोड़ रुपये के नोट लौटाए हैं.


उपाध्याय ने द‍िल्‍ली हाईकोर्ट के 29 मई के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी. इस याचिका में उन्होंने आरबीआई (RBI) और स्‍टेट बैंक ऑफ इंड‍िया (SBI) की तरफ से 2,000 रुपये के बैंक नोट को बिना किसी दस्तावेज के बदलने के नोट‍िफ‍िकेशन को चुनौती दी थी. गौरतलब है क‍ि आरबीआई ने 19 मई को 2,000 के नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी. इन नोटों को 30 सितंबर तक बैंक खाते में जमा किया जा सकता है या कम मूल्य के नोट से बदला जा सकता है.