नई दिल्ली: अगर आप भी ऑनलाइन खाना मंगाते हैं तो पहले ये खबर ध्यान से पढ़ लें. आने वाले दिनों में फूड डिलिवरी (Online Food delivery) महंगी हो सकती है. दरअसल, जीएसटी काउंसिल की होने वाली बैठक में इस पर विचार किया जाएगा. फूड डिलिवरी एप्स को कम से कम 5 फीसदी जीसएटी के दायरे में लाने के लिए कमिटी के फिटमेंट पैनल ने सिफारिश की है. ऐसे में Swiggy, Zomato से ऑनलाइन खाना मंगाना आपको महंगा पड़ सकता है.


जीएसटी काउंसिल कमिटी की मीटिंग लखनऊ में 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आपको बता दें कि शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल कमिटी की मीटिंग होने वाली है. मीटिंग के अजेंडा में इस विषय पर भी चर्चा की जाएगी. शुक्रवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की मीटिंग लखनऊ में होनी है. इस मीटिंग में कई मुख्य विषयों पर विचार किया जाएगा.


ये भी पढ़ें- पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत 2000 की जगह अब 4 हजार रुपये देगी सरकार, जानिए कैसे


फिलहाल की स्थिति में सरकार को टैक्स में 2 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही गई है. जीएसटी काउंसिल के फिटमेंट पैनल ने सिफारिश की है कि फूड एग्रीगेटर को ई-कॉमर्स ऑपरेटर माना जाए.


जीएसटी काउंसिल की बैठक 17 सितंबर को होगी 


जीएसटी परिषद की मीटिंग लखनऊ में 17 सितंबर को होनी है. इसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अन्य राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं. जीएसटी परिषद की इससे पिछली बैठक 12 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी. आपको बता दें कि इसमें पेट्रोल-डीजल समेत तमाम बड़े विषयों पर बात होगी. 


पेट्रोल-डीजल भी या सकता है जीएसटी दायरे में 


इस मामले के जानकारों का कहना है कि बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार हो सकता है. यानी पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही कीमत पर लगाम लगाई जा सकती है. इस बैठक में कोविड-19 से संबंधित आवश्यक सामान पर रियायती दरों की समीक्षा भी हो सकती है. यानी ये बैठक आम जनता के लिए भी कई मामले में महत्वपूर्ण है. 


ये भी पढ़ें- बेहद जरूरी सूचना! सरकार की तरफ से जारी हुए अलर्ट, 30 सितंबर से पहले कर लें ये काम


वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी


वित्त मंत्रालय ने हाल के दिनों में बताया था कि अगस्त में माल एवं सेवाकर (GST Collection) संग्रह 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था. एक साल पहले अगस्त माह के मुकाबले इसमें 30 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई थी. यानी सरकार का खजाने में जीएसटी का सर दिखने लगा है. 


बिजनेस से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


VIDEO-