नई दि‍ल्‍ली: ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री इन दिनों फ्यूचर मोबिलिटी पर फोकस कर रही है. आसान भाषा में कहें तो कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दे रही हैं. साथ ही नई टेक्नोलॉजी के जरिए भी लोगों को लुभाने की कोशिश में है. इसलिए ही अब कंपनियां अपनी पुरानी कारों को बंद करने जा रही हैं. हालांकि, सभी कारें बंद नहीं होंगी. जिन कारों की सेल्स ज्यादा नहीं है कंपनी उन्हें इस साल बंद कर देगी. इसके अलावा, कुछ कंपनियां अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करेंगी. इससे पहले भी मारुति से लेकर ह्युंदई जैसी कंपनियां अपना पोर्टफोलियो बदल चुकी हैं. 


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क्यों बंद कर होंगी कारें
ऑटोमोबाइल कंपनि‍यां अपनी स्ट्रैटेजी में बदलाव कर रही हैं. ऑटो एक्सपो में जिस तरह कंपनियों ने इलेक्ट्रिक मॉडल को पेश किया. उससे साफ है कि कंपनियों का फोकस इसी सेगमेंट पर है. एक दूसरे से आगे निकलने के लिए कंपनी अपने कुछ मॉडल्‍स को बंद कर करेगी. 2018 में भारतीय मार्केट में भी कुछ गाड़ियां बंद हो जाएंगी.


कौन सी कंपनियां करेंगी बंद
साल 2018 में टाटा और महिंद्रा अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करेंगी. इसी के चलते टाटा और महिंद्रा अपने 3-3 मॉडल्स को भारतीय बाजार में बंद करेगी. आइये पहले जानते हैं टाटा की कौन सी कारें होंगी बंद.


टाटा इंडि‍का
टाटा की सबसे पसंदीदा और ज्यादा बिकने वाली कारों में से एक टाटा इंडिका है. लेकिन, टाटा मोटर्स अपने टिआगो मॉडल लॉन्च करने के बाद से इंडिका को बंद कर सकती है. हाल ही में कंपनी ने टाटा टिआगो का इलेक्ट्रिक वर्जन भी शोकेस किया था. इसलिए उसका पूरा फोकस इसी पर है. ऐसे में टाटा इंडिका को 2018 में बंद किया जा सकता है. दरअसल, जनवरी में कंपनी ने इंडिका, विस्टा जैसी कारों की सिर्फ 214 यूनिट ही बेची हैं. सेल्स के मामले में भी लगातार गिरावट आई है.


टाटा बोल्‍ट
टिआगो और टिगोर लॉन्च होने के बाद से टाटा बोल्ट की सेल्स में गिरावट आई है. दरअसल, ये तीनों गाड़ियां एक ही सेगमेंट की है. साथ ही इनकी कीमत भी लगभग बराबर है. बोल्ट की सेल्स सिर्फ 200 यूनिट की है. खास बात यह है कि कंपनी अपनी सब कार का प्रोमोशन कर रही है, लेकिन इसका प्रोमोशन भी नहीं किया गया. इससे साफ है कि 2018 में यह कार भी बंद हो सकती है. 


टाटा इंडि‍गो
टाटा जेस्‍ट के आने के बाद टाटा इंडि‍गो की बिक्री भी ठंडी पड़ गई है. कंपनी का फोकस अब नए मॉडल्स पर है. टाटा जेस्ट का नया वर्जन भी आने वाला है. लेकिन, टाटा मोटर्स ने इंडिगो को लेकर कोई प्रोमोशन नहीं किया है. इंडिगो का कोई नया वर्जन लाने की भी तैयारी नहीं है. ऐसे में कंपनी का पूरा फोकस नए मॉडल्स और लॉन्च पर है. 


आइये जानते हैं महिंद्रा की कौन सी गाड़ियां हो सकती हैं बंद


महिंद्रा नूवोस्‍पोर्ट
महिंद्रा भी पोर्टफोलियो बदलकर अपनी रैकिंग सुधारने का मन बना चुकी है. यही वजह है कि उसने नूवोस्पोर्ट की रीब्रांडिंग के जरिए पेश करने की कोशिश की थी, लेकिन रिस्पॉन्स अच्छा नहीं रहा. नूवोस्पोर्ट भारतीय मार्केट में फेल साबित हुई. कार की सिर्फ 250 यूनिट्स ही बिक सकीं. जनवरी के आंकड़े देखें तो नूवोस्पोर्ट की सिर्फ 1 यूनिट बिकी है. ऐसे में कंपनी नूवोस्पोर्ट को बंद कर सकती है.


महिंद्रा वेरि‍टो
महिंद्रा भी इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस कर रही है. फिलहाल, महिंद्रा इलेक्ट्रिक मॉडल्स के मामले में दूसरी कंपनियों से आगे है. ऐसे में महिंद्रा अपनी वेरिटो को बंद कर सकती है. दरअसल, पिछले साल वेरिटो की बिक्री भी कोई खास नहीं रही. उसकी सिर्फ 300 यूनिट्स ही बिकीं. ऐसे में कंपनी अपनी इस कार का इलेक्ट्रिक वर्जन पेश कर सकती है और डीजल वर्जन को बंद किया जा सकता है.


महिंद्रा जाइलो
2009 में लॉन्च हुई महिंद्रा जाइलो भी बंद होने की कगार पर है. हालांकि, जाइलो अपने लॉन्च ईयर की सफल गाड़ियों में शामिल है. लेकिन, अब लगातार इसकी सेल्स गिरती जा रही है. जनवरी में जाइलो की सिर्फ 677 यूनिट्स ही बिकीं. ऐसे में कंपनी 2018 में जाइलो को बंद कर देगी. वैसे भी कंपनी अपनी नई TUV 500 को इस साल लॉन्च कर रही है. इसलिए जाइलो की जरूरत नहीं होगी.