कोलकाता : टाटा स्टील की सहयोगी कंपनी टाटा स्पांज आयरन लिमिटेड ने अपना पंजीकृत कार्यालय क्योंझर (ओडिशा) से कोलकाता लाने का फैसला किया है. इससे माना जा रहा है कि टाटा ग्रुप ने नैनो कार परियोजना की भूमि को लेकर राज्य के प्रति तल्खी भुला दी है. कंपनी का नाम टाटा स्टील लांग प्रोडक्टस लिमिटेड करने का भी प्रस्ताव है. उद्योग क्षेत्र के जानकारा लोकसभा चुनावों के दौरान इस तरह की घोषणा को ममता बनर्जी सरकार की एक कामयाबी के रूप में देख रहे हैं.


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निदेशक मंडल ने दी मंजूरी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कुछ साल से अपने राज्य को निवेश के लिए एक अच्छे स्थान के रूप में पेश करने में लगी हैं. टाटा स्पांज आयरन ने शेयर बाजार को बताया कि उसके निदेशक मंडल ने कंपनी के रजिस्टर्ड ऑफिस को पश्चिम बंगाल में लाने को मंजूरी दे दी है. यह निर्णय कंपनी के शेयरधारकों और नियामकों की स्वीकृति के बाद लागू किया जाएगा. निदेशक मंडल ने कंपनी का नाम बदलकर टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड करने का प्रस्ताव भी पास किया है.



क्योंझर में होगी वार्षिक आम बैठक
कंपनी की 36वीं वार्षिक आम बैठक क्योंझर में 15 जुलाई को होनी है. इसके पास इस समय सालाना 390,000 टन स्पांज लोहा तैयार करने की क्षमता है. इसके अलावा इसने 26 मेगावाट क्षेमता का एक बिजलीघर लगा रखा है जो कारखाने में बेकार जाने वाली ऊष्मा के इस्तेमाल से चलाया जाता है. कंपनी ने हाल ही में कोलकाता की उषा मार्टिन कंपनी के स्टील कारोबार का अधिग्रहण किया था. इसमें जमशेदपुर का उसका कारखाना, कुछ जमीन और निजी इस्तेमाल के लिए लगाया गया उसका बिजलीघर भी शामिल है. यह सौदा 4090 करोड़ रुपये में हुआ था.


टाटा स्पांज आयरन ने 31 मार्च 2018 को समाप्त वित्त वर्ष में 1,049.70 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. टाटा स्टील ने 1991 में आईपीकोल का पूरा अधिग्रहण किया था और टाटा स्पांज टाटा स्टील समूह की एक सहायक कंपनी बन गयी थी.