ट्रेन में इन दो क्लास के लिए आप नहीं ले सकते हैं Tatkal टिकट, क्या जानते हैं आप?
एसी तत्काल टिकट की बुकिंग सुबह 10 बजे से शुरू होती है. वहीं, नॉन-एसी के लिए तत्काल टिकट बुक करने की टाइमिंग सुबह 11 बजे से है.
नई दिल्ली: रेलवे की तत्काल सेवा से आप जरूर वाकिफ होंगे. तत्काल सेवा का लाभ यात्रा करने के दिन से ठीक एक दिन पहले उठाया जा सकता है. मतलब, अगर 20 अगस्त 2019 को यात्रा करनी है तो 19 अगस्त को टिकट बुक कराना होगा. हालांकि, अलग-अलग क्लास के लिए टिकट बुकिंग का समय अलग-अलग है. एसी तत्काल टिकट की बुकिंग सुबह 10 बजे से शुरू होती है. वहीं, नॉन-एसी के लिए तत्काल टिकट बुक करने की टाइमिंग सुबह 11 बजे से है. यदि रेलवे की तरफ से लास्ट मोमेंट में कोई बदलाव किया जाता है तो कुछ शर्तों के तहत आप टिकट की 100 फीसदी रकम को वापस लौटाने के लिए क्लेम कर सकते हैं
अगर आप ऑनलाइन टिकट पर सफर कर रहे हैं तो फोटो आईडी कार्ड जरूर अपने पास रख लें. यह नियम तत्काल टिकट पर भी लागू होता है. इसके अलावा भी तत्काल सेवा को लेकर कुछ नियमों का जान लेना जरूरी है.
1. एसी फर्स्ट क्लास और सेकेंड सीटिंग के लिए तत्काल सेवा नहीं उपलब्ध है.
2. तत्काल टिकट पर किसी अन्य कोटे का फायदा नहीं मिलता है.
3. तत्काल टिकट पर किसी तरह की छूट भी नहीं मिलती है.
4. एक PNR नंबर के आधार पर तत्काल टिकट पर अधिकमत चार सवारी यात्रा कर सकते हैं.
5. रेलवे के नियमों के अनुसार अगर ट्रेन 3 घंटे से ज्यादा लेट होती है तो यात्री टिकट की राशि और तत्काल शुल्क की पूरी राशि को क्लेम कर सकता है.
6. यात्री को यह सुविधा है कि ट्रेन अपने निर्धारित रूट से अलग किसी अन्य रूट से जाती है या यात्री उस रूट से यात्रा नहीं करना चाहता तो उस हालात में वह क्लेम की मांग कर सकता है.
7. अगर ट्रेन अपने निर्धारित रूट से अलग किसी अन्य रूट से जाती है और उस रूट के अंतर्गत यात्री का गंतव्य स्टेशन नहीं आता हो, तो भी आप टिकट की राशि के लिए क्लेम कर सकते हैं.
8. अगर यात्री लोअर क्लास में सफर न करना चाहे तो वह फुल रिफंड के लिए भी क्लेम कर सकता है.
9. रेलवे की ऑफिशियल वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार तत्काल टिकट की बुकिंग के समय आईडी प्रूफ दिखाने की जरूरत नहीं है. यात्रियों को यात्रा के दौरान एक आईडी प्रूफ अपने साथ रखना होता है.
10. तत्काल टिकट के लिए यात्री को सेकेंड क्लास के लिए ट्रेन के सामान्य किराये पर 10 प्रतिशत ज्यादा का भुगतान करना पड़ता है जबकि अन्य श्रेणी के लिए 30 फीसदी के करीब भुगतान करना होता है.