नई दिल्ली: अगर आपका खाता Post Office में है या फिर आप पोस्ट ऑफिस की योजनाओं में निवेश करते हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. अब अगर आप निर्धारित रकम से ज्यादा पैसा निकालते हैं तो उस पर TDS कटौती हो सकती है. पैसा निकलाने का ये नियम पीपीएफ से लेकर विभिन्न जमा योजनाओं पर लागू होता है. आयकर अधिनियम 1961 (IT Act 1961) की धारा 194 N से जुड़े ये नियम 1 जुलाई, 2020 से लागू हो चुके है. ऐसे में आइए आपको पोस्ट ऑफिस से पैसा निकालने और टीडीएस कटौती से संबंधित नए नियमों के बारे में बताते हैं. 


कैश निकालने पर TDS में हो सकती है 5% तक कटौती


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अगर आप आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं और एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख से अधिक लेकिन एक करोड़ से कम रकम निकालते हैं तो इस पर 2% TDS की कटौती होगी. लेकिन अगर आपकी रकम निकासी एक करोड़ से ऊपर होती है तो एक करोड़ से ऊपर के विड्रॉल पर 5% TDS काटा जाएगा.  


ITR जमा करने वालों को राहत


हालांकि अगर कोई ग्राहक आयकर रिटर्न फाइल करता है तो उसे इस नियम में थोड़ी राहत दी गई है. यानी ऐसे में टीडीएस कटौती के नियम बदल जाते हैं. इस स्थिति में एक वित्तीय वर्ष में पैसे की निकासी 1 करोड़ रुपये से अधिक होती है तो एक करोड़ से ऊपर की धनराशि पर आपको 2 % आयकर ही देना होगा.


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हालांकि इन बदलावों को अभी तक शामिल नहीं किया गया है. टीडीएस कटौती के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन पोस्टल टेक्नोलॉजी (CEPT) ने 1 अप्रैल 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक की समय अवधि के लिए ऐसे जमाकर्ताओं के ट्रांजेक्शंस की पड़ताल करने को कहा है.  वहीं पोस्ट ऑफिस इन नियमों के प्रचार-प्रसार पर भी काम कर रहा है. 


इस तरह होगी विभागीय कार्रवाई


CEPT इन जरूरी सूचानाओं को संबंधित सर्कल के सीबीएस और सीपीसी को भेजेगा. फिर ऐसे खातों की डिटेल्स, जमाकर्ता का पैन नंबर और कितना टीडीएस काटा जाना है ये जानकारी CEPT द्वारा मुहैया कराई जाएगी. संबंधित सर्कल के सीपीसी का इंचार्ज इन सभी जानकारियों को संबंधित डाक खानों को भेजेगा ताकि बिना किसी भूल चूक के ऐसे ग्राहकों का टीडीएस काटा जा सके.


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संबंधित पोस्ट ऑफिस अपने जमाकर्ता का TDS काटने के बाद एकाउंट होल्डर को लिखित में इस कटौती की जानकारी देगा. वहीं टीडीएस अमाउंट से संबंधित ऐसे बाउचर्स पर पोस्ट मास्टर के दस्तखत करा कर HO/SBCO को भेजा जाएगा.


अब चूंकि ये नियमों के दायरे में आई प्रकिया और जरूरत है ऐसे में संबंधित पोस्टमास्टर नियमों के तहत होने वाली टीडीएस कटौती के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होगा. 


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