नई दिल्ली: भारत की अर्थव्यवस्था में सबसे अहम भूमिका निभाने के बावजूद सबसे ज्यादा गरीब किसान ही हैं. देश में ज्यादातर किसानों की अपनी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. लेकिन लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने तीन ऐसी घोषणाएं की हैं जो किसानों के जिंदगी में जबरदस्त बदलाव लाएंगी. 


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1. एग्रीकल्चर मार्केटिंग को मंजूरी
केंद्रीय वित्त मंत्री ने जानकारी दी है कि सरकार एग्रीकल्चर मार्केटिंग के लिए एक नया कानून लाएगी. इस कानून के तहत किसान अपनी फसल को देश के किसी भी राज्य में अपने मन-मुताबिक व्यक्ति को बेच सकेगा. मौजूदा समय में किसानों को एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी के तहत सिर्फ मंडियों में लाइसेंस वाले ट्रेडर को ही अनाज व फल-सब्जियां बेचने की इजाजत है. यही कारण है कि कई बार किसानों को मजबूरन ट्रेडर के मन-मुताबिक कीमतों में अनाज बेचना पड़ता है. नए कानून आने से किसानों को खरीददार चुनने की आजादी मिलेगी.


2. फसल की एडवांस खरीद
दूसरा बड़ा गेमचेंजर फसलों की एडवांस खरीद है. दरअसल अभी तक देश में परंपरागत तरीके से ही काम चलता आया है. इसे ऐसे समझें कि किसान पहले फसल उगाता है, फिर फसल तैयार होने पर मंडी में बेचता है. अगर फसल तैयार होने से पहले किसी कारण खराब हो गई, तो सारा नुकसान किसान को उठाना पड़ता है. लेकिन अब सरकार ऐसी व्यवस्था लाने वाली है जिसमे कंपनियां फसल उगने से पहले ही किसानों से मोलभाव कर लेंगी. फसल तैयार होने के बाद कंपनियां उसी तय कीमत पर फसल खरीद लेगी. इस बीच किसी कारणवश फसल खराब या बर्बाद भी होती है तो किसानों पर नुकसान का पूरा भार नहीं आएगा. बताते चलें कि तंबाकू की खेती में एडवांस खरीद की व्यवस्था कई सालों से चलती आ रही है.


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3. एसेंशियक कमोडिटी एक्ट में बदलाव
तीसरा सबसे बड़ा बदलाव एसेंशियल कमोडिटी एक्ट में होगा. कालाबाजारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 1955 में इस एक्ट को लागू किया था. मौजूदा व्यवस्था के तहत सरकार किसी भी फसल उत्पाद के लिए एक स्टॉक लिमिट निर्धारित करती है, उससे ज्यादा वह रख नहीं पाते. नए बदलाव में सरकार कमोडिटीज़ पर स्टॉक लिमिट तभी लगाएगी जब राष्ट्रीय आपदा की स्थिति हो. यानी सामान्य स्थितियों में सरकार स्टॉक लिमिट नहीं लगाएगी.


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