ट्रेड वॉर: कई महीनों की तनातनी के बाद आज अमेरिका और चीन करेंगे वार्ता
चीन के तेवर नरम हैं लेकिन अमेरिका के तेवर अभी भी सख्त हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, `चीन दो साल के भीतर आर्थिक महाशक्ति के रूप में हमारी जगह ले लेता, लेकिन अब वह करीब भी नहीं है.`
वॉशिंगटन: द्विपक्षीय रिश्तों में कई महीनों के तनाव के बाद अमेरिका और चीन शुक्रवार को शीर्ष स्तरीय वार्ता बहाल कर रहे हैं. इस वार्ता में व्यापार से लेकर सैन्य मामलों से जुड़े विवाद का समाधान तलाशे जाने पर चर्चा होगी. यह वार्ता वॉशिंगटन में ऐसे समय पर हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अर्जेंटीना में जी-20 शिखर वार्ता के इतर अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग से मुलाकात कर सकते हैं. दोनों पक्षों को उम्मीद है कि वार्ता से कुछ प्रगति होगी.
विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री जिम मैटिस शुक्रवार की सुबह चीन के दो शीर्ष अधिकारियों से बातचीत में बिताएंगे. चीन के साथ बढ़ते सैन्य तनाव के बीच मैटिस ने पिछले महीने चीन की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी थी लेकिन चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे शुक्रवार को वार्ता में हिस्सा ले रहे हैं. गौरतलब है कि चीन और अमेरिका के बीच फिलहाल ट्रेड वॉर चल रहा है. दोनों देशों ने एक दूसरे के बीच वस्तुओं के कारोबार पर कर लगा रखा है.
ट्रेड वॉर का चीन की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर दिखने लगा है. जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही, जो पिछले 9 साल की सबसे धीमी दर है.
अमेरिका के तेवर अभी भी सख्त
अमेरिका के तेवर अभी भी सख्त हैं. बीते बुधवार को व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "चीन दो साल के भीतर आर्थिक महाशक्ति के रूप में हमारी जगह ले लेता, लेकिन अब वह करीब भी नहीं है." अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "चीन ने अपने ‘चाइना 2025’ कार्यक्रम को छोड़ दिया क्योंकि मुझे यह बहुत अपमानजनक लगा था. मैंने उन्हें यह बात बताई." गौरतलब है कि अमेरिका इस समय दुनिया की शीर्षस्थ अर्थव्यवस्था है, वहीं चीन ने जापान को पीछे छोड़कर दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति की जगह ले ली है.