नई दिल्ली: माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने भारत में चुनावी निष्पक्षता को बनाये रखने के लिए आंतरिक, कई स्तरों पर काम करने वाले समूह का गठन किया है. भारत में राजनीतिक पक्षपात के आरोपों का सामना कर रही अमेरिका की कंपनी ने कहा है कि उसकी टीमें सभी तरह के राजनीतिक दलों को ट्विटर के अच्छे से इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षित कर रही हैं. ट्विटर ने बयान जारी कर कहा, "अमेरिका, ब्राजील और मेक्सिको जैसे दुनिया के विभिन्न देशों में हाल में हुए चुनावी मॉडल की तर्ज पर ट्विटर ने एक आंतरिक, विभिन्न स्तरों पर काम करने वाले समूह का गठन किया है. यह समूह पूरी चुनावी अवधि में चुनावों की निष्पक्षता बनाये रखने की दिशा में काम करेगा." 


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इस बीच ट्विटर के CEO जैक डोर्सी 25 फरवरी को संसद की एक समिति के सामने पेश होंगे. सूचना प्रौद्योगिकी विभाग पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष अनुराग सिंह ठाकुर ने यह जानकारी दी. ट्वीटर के मुख्य कार्यकारी को 11 फरवरी को 'सोशल या ऑनलाइन मीडिया मंचों पर नागरिकों के अधिकारों की रक्षा' विषय पर समिति की बैठक में उपस्थित होना था लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए. सूत्रों के अनुसार भाजपा सांसद लाल कृष्ण आडवाणी समेत समिति के अन्य सदस्यों ने इसे गंभीरता से लिया है.


स्थानीय प्रतिनिधियों से मिलने से इनकार किया
ठाकुर ने कहा कि ट्विटर प्रमुख एवं अन्य प्रतिनिधियों को 25 फरवरी को पेश होने के लिये कहा गया है. शनिवार को ट्विटर ने एक बयान जारी कर डोर्सी के इतने कम अवधि के नोटिस पर समिति के समक्ष पेश होने में असमर्थता जताई थी. सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान ट्विटर के स्थानीय कार्यालय के प्रतिनिधि समिति के समक्ष पेश होने के लिए संसद की एनेक्सी में पहुंचे थे लेकिन उन्हें बैठक में नहीं बुलाया गया.


पहले 7 फरवरी को होने वाली थी बैठक
समिति की बैठक पहले 7 फरवरी को होने वाली थी. ट्विटर सीईओ और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए इसे टालकर बैठक की तिथि 11 फरवरी कर दी गई थी. सूत्रों का कहना है कि सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के प्रमुखों को भी समिति बुला सकती है. लेकिन अभी इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है.


(इनपुट-एजेंसी से भी)