UN report on cryptocurrency : संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का चलन तेजी से बढ़ा है. इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में 7 प्रत‍िशत से अधिक आबादी के पास डिजिटल करेंसी है. संयुक्त राष्ट्र की व्यापार एवं विकास संस्था यूएनसीटीएडी (UNCDAD) ने कहा कि 2021 में क्रिप्टोकरेंसी रखने वाली आबादी की हिस्सेदारी के लिहाज से 20 शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में से 15 विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाएं थीं.


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यूक्रेन इस ल‍िस्‍ट में टॉप पर
इस ल‍िस्‍ट में 12.7 प्रत‍िशत के साथ यूक्रेन शीर्ष पर है. इसके बाद रूस (11.9 फीसदी), वेनेजुएला (10.3 फीसदी), सिंगापुर (9.4 फीसदी), केन्या (8.5 फीसदी) और अमेरिका (8.3 है) हैं. भारत में 2021 में कुल आबादी में से 7.3 प्रत‍िशत लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी थी और इस सूची में उसका स्थान सातवां है.


क्रिप्टोकरेंसी का यूज तेजी से बढ़ा
यूएनसीटीएडी ने कहा, 'कोविड-19 के दौरान विकसित देशों समेत दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग बेहद तेजी से बढ़ा है.' इसमें आगे कहा गया, 'यदि क्रिप्टोकरेंसी भुगतान का व्यापक माध्यम बन जाती है और अनाधिकारिक रूप से घरेलू मुद्रा का स्थान ले लेती है तो इससे देशों की मौद्रिक संप्रभुता खतरे में पड़ सकती है.'


क्या है डिजिटल करेंसी?
क्रिप्टो करेंसी वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है. भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर की तरह ही यह करेंसी होती है. इसमें अंतर सिर्फ इतना होता है क‍ि यह आभाषी है और दिखाई नहीं देती, न ही आप इसे छू सकते. इसलिए इसे डिजिटल करेंसी कहते हैं. इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम के जर‍िये होता है. एक तरफ किसी भी देश की करेंसी के लेनदेन के बीच एक मध्यस्थ होता है, जैसे भारत में आरबीआई. लेकिन क्रिप्टो के कारोबार में कोई मध्यस्थ नहीं होता और इसे एक नेटवर्क की तरफ से संचालित किया जाता है.


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