Unclaimed Deposits: बैंक में बड़ी संख्या में लोग पैसे जमा करते हैं, लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो अपने पैसे को वापस नहीं लेते हैं. इस समय बैंक में बिना दावे वाली जमा राशि में काफी इजाफा हो रहा है. पिछले साल के मुकाबले इस समय अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स में करीब 28 फीसदी का इजाफा हो गया है. इस इजाफे के बाद में अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स की राशि 42270 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. वहीं, मार्च 2022 में यह राशि करीब 32934 करोड़ रुपये थी. 


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बता दें बैंक में जमा इस राशि का कोई भी दावेदार नहीं है. 42270 करोड़ की राशि में प्राइवेट और सरकारी दोनों ही बैंक शामिल हैं. इसमें से सरकारी बैंक के पास 36185 करोड़ रुपये है. वहीं, प्राइवेट बैंक के पास 6087 करोड़ रुपये हैं. 


क्या होती है बिना दावे वाली राशि?


अगर 10 साल या फिर उससे ज्यादा समय तक बैंक में जमा राशि का कोई दावेदार नहीं होता है तो बैंक इस तरह की रकम को बिना दावे वाली राशि मान लेता है. बिना दावे वाली इस राशि को आरबीआई के डीईए फंड में डाल दिया जाता है. यह पैसा बाद में रिजर्व बैंक का हो जाता है. 


वित्त राज्यमंत्री ने दी जानकारी


वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई है. भागवत कराड ने राज्यसभा में कहा है कि मार्च 2021 तक सरकारी बैंकों का अनक्लेम्ड डिपॉजिट 23683 करोड़ रुपये था. वहीं, प्राइवेट बैंक का करीब 4141 करोड़ रुपये था. 


मार्च 2022 में कितनी बढ़ी थी राशि?


इसके अलावा मार्च 2022 में यह राशि बढ़ गई थी. मार्च 2022 में सरकारी बैंकों में जमा अनक्लेम्ड डिपॉजिट 27921 करोड़ रुपये हो गया था. वहीं, प्राइवेट बैंकों की यह राशि 5013 करोड़ हो गई थी. मार्च 2023 में भी इसमें बड़ा इजाफा देखने को मिला है. इस साल इसमें करीब 28 फीसदी का इजाफा हो गया. 


RBI लगातार कर रहा है प्रयास


रिजर्व बैंक की तरफ से बिना दावे वाली राशि को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसके साथ ही सही व्यक्ति को पैसा वापस करने की भी मुहिम चलाई जा रही है, जिससे इस राशि को कम किया जा सके.