नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच जंग लगातार 14 दिनों से जारी है. रूस लगातार यूक्रेन पर हमले कर रहा है और उसकी सेना धीरे-धीरे कीव की ओर बढ़ती ही जा रही है. इस बीच अमेरिका और ब्रिटेन ने रशिया के तेल और गैस आयात पर प्रतिबंध लगा दिए है, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने चेतावनी दी है कि ऐसा होने से वो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की सप्लाई रोक देंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि यूरोप को उसकी जरूरत की गैस सप्लाई भी बंद कर दी जाएगी.


रूस के इस कदम से क्या होगा असर?


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इस महायुद्ध से रूस की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है और इसके सबूत भी मिलने लगे हैं. अगर रशिया (Russia) कच्चे तेल की सप्लाई (Crude Oil Supply) रोकता है तो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें (Crude Oil Price) 300 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाएंगी, जो पहले से ऐतिहासिक स्तर पर हैं. रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से कच्चे तेल की कीमतें 139 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई, जो 2008 के बाद की सबसे ज्यादा कीमतें हैं.


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क्रूड ऑयल की कीमतों में होगा अप्रत्याशित उछाल


रूसी उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक (Alexander Novak) ने एक बयान में कहा, 'यह बिल्कुल स्पष्ट है कि रूसी तेल की अस्वीकृति से वैश्विक बाजार के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे. कीमतों में अप्रत्याशित उछाल होगा. यह 300 डॉलर प्रति बैरल होगा.' नोवाक ने कहा कि रूस से प्राप्त होने वाले तेल की मात्रा को बदलने के लिए यूरोप को एक वर्ष से अधिक समय लगेगा और उसे काफी अधिक कीमत चुकानी होगी.


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भारतीयों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर


अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें (Crude Oil Price) और बढ़ती हैं तो इसका सीधा असर भारत और भारत के आम लोगों की जेब पर पड़ेगा. कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने के बाद हो सकता है कि पेट्रोल (Petrol Price in India) आने वाले महीनों में 150 रुपये प्रति लीटर के आंकड़े को भी पार कर जाए. हालांकि ये सरकार के ऊपर है कि वो अपनी जेब से कितने पैसे खर्च कर आम लोगों को राहत दे.


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