नई दिल्ली : दिग्गज अमेरिकी रिटेलर कंपनी वॉलमार्ट (Walmart) ने बुधवार को कहा कि वह भारतीय बाजार के लिए पूरी तरह से कमेटिड है. कंपपी की तरफ से कहा गया कि ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीतियों में बदलाव के बाद भी वह पूरी तरह पॉजीटिव है. कंपनी ने कुछ ही समय पहले ही ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 16 अरब डॉलर का निवेश किया है. वॉलमार्ट का यह बयान वैश्विक परामर्श कंपनी मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट के बाद आया है. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि नई एफडीआई नीति के बाद वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट से पीछे हट सकती है.


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'हम भारतीय बाजार के लिए पूरी तरह सकारात्मक'
वॉलमार्ट एशिया और कनाडा के क्षेत्रीय मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं कार्यकारी उपाध्यक्ष डिर्क वान डीन बर्गी ने कहा, 'भारत के लिए वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट की प्रतिबद्धता मजबूत और लंबे समय के लिए है. नियमों में पिछले दिनों हुए बदलाव के बाद भी हम भारतीय बाजार के लिए सकारात्मक हैं.' उन्होंने कहा, 'हम नौकरी का मौका देने, छोटे कारोबारियों और किसानों को समर्थन देने के अलावा वॉलमार्ट के वैश्विक बाजारों में भारतीय निर्यात बढ़ाने समेत ग्राहकों को बेहतर सेवा देने, टिकाऊ आर्थिक वृद्धि करने और देश के लिए लाभ पर ध्यान देना जारी रखेंगे.'



1.05 लाख करोड़ की लागत से खरीदी थी हिस्सेदारी
इससे पहले मंगलवार को खबर आई थी कि ई-कॉमर्स क्षेत्र में नए एफडीआई नियम लागू होने से परेशान वॉलमार्ट भारतीय बाजार से बाहर जा सकती है. मॉर्गन स्टेनली की तरफ से आशंका जताई गई थी कि अगर वॉलमार्ट को लंबे समय तक मुनाफे में गिरावट की आशंका लगती है तो वह जल्द फ्लिपकार्ट को बेच सकती है. आपको बता दें कि दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट ने मई, 2018 में 1.05 लाख करोड़ रुपये की लागत से फ्लिपकार्ट में 77 प्रतिशत की हिस्सेदारीर खरीदी थी. उस समय इस भारतीय कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1.43 लाख करोड़ रुपये था.