IDBI Bank: एक और सरकारी बैंक बिकने जा रहा है.  IDBI बैंक के निजीकरण का रास्ता साफ हो गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( RBI) ने आईडीबीआई बैंक को खरीदने के लिए बोली लगाने वाले निवेशकों की जांच-पड़ताल के बाद आरबीआई ने 'फिट एंड प्रॉपर' की रिपोर्ट दे दी है. आरबीआई के क्लियरेंस के बाद आईडीबीआई बैंक के निजीकरण का रास्ता साफ हो गया है. आरबीआई से क्लियरेंस मिलने के बाद अब आईडीबीआई बैंक को खरीदने के लिए बोली लगाने वाली कंपनियां आगे की कार्रवाई कर सकती है. आरबीआई के क्लियरेंस के बाद अब सरकार इस वित्त वर्ष में ही आईडीबीआई बैंक को लेकर फाइनेंशियल बिड मंगवा सकती है. अब जानते हैं कि इस बैंक को खरीदने की रेस में कौन-कौन दौड़ रहे हैं.  


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आईडीबीआई बैंक को खरीदने की रेस में कौन आगे ? 


मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई की ओर से IDBI बैंक के लिए संभावित निवेशकों के नामों को मंजूरी दे दी है. इस बैंक को खरीदने की रेस में  फेयरफैक्स इंडिया होल्डिंग्स, NBD Emirates और Kotak Mahindra Bank है. जिसमें सबसे आगे आगे फेयरफैक्स इंडिया होल्डिंग्स दौड़ रही है. फेयरफैक्स इंडिया आईडीबीईआई बैंक की 60.7% हिस्सेदारी हासिल करने की दौड़ में सबसे आगे है. हालांकि ये डील, कब और कैसे होगी इसकी जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि  फेयरफैक्स आईडीबीआई में सरकार और एलआईसी की कुल होल्डिंग्स में से 60.7 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकती है.  


कौन हैं प्रेम वत्स 


मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबित IDBI बैंक करो खरीदने के लिए Fairfax India Holdings के अलावा दो अन्य कंपनियां  NBD Emirates और Kotak Mahindra Bank रेस में है.  सबसे आगे फेयरफैक्स है.रिपोर्ट के मुताबिक फेयरफैक्स इंडिया होल्डिंग्स को रिजर्व बैंक की तरफ से डील को लेकर एक अहम मंजूरी हासिल हो गई है. बता दें कि फेयरफैक्स का नेतृत्व भारतीय मूल के कनाडाई अरबपति प्रेम वत्स करते हैं. फेयरफैक्स सीएसबी बैंक के प्रमोटर भी हैं. प्रेम वत्स ने साल 1985 में फेयरफैक्स की शुरुआत की थी. शुरुआत में उनकी कंपनी ने कनाडा की एक छोटी इंश्योरेंस कंपनी Markel Financial को रीफाइनेंस किया था, जिसके बाद उसका नाम बदलकर फेयरफैक्स (Fairfax Financial) कर दिया. इसके बाद Fairfax ने कई इंश्योरेंस कंपनियों का अधिग्रहण किया . प्रेम वत्स साल 2019 से हैम्बलिन इनवेस्टमें काउंसिल के वाइस चेयरमैन बनें. इसके अलावा वो ब्लैकनॉर्थ इनीशिएटिव के को-फाउंडर और डायरेक्टर भी हैं.  


भारत से है खास रिश्ता 


प्रेम बारतीय मूल के कनाडाई बिजनेसमैन है, उनका जन्म भारत के हैदराबाद में हुआ बाद. पढ़ाई के बाद वो अपने भाई के पास कनाडा चले गए जहां से उन्होने एमबीए किया. धीरे-धीरे उन्होंने इंश्योंरेस कंपनियों की खरीदना शुरू किया. उनका कारोबार दुनियाभर में फैला है. फोर्ब्स के मुताबिक उनकी नेट वर्थ 1.8 अरब डॉलर है.