RBI New Governor: रिजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Da) का कार्यकाल 10 द‍िसंबर को पूरा हो रहा है. लेक‍िन उनके बाद आरबीआई (RBI) की ज‍िम्‍मेदारी कौन संभालेगा, यह अभी तक साफ नहीं हुआ है. इसको लेकर तमाम अटकलें लग रही हैं. कुछ लोगों को उम्‍मीद है क‍ि शक्तिकांत दास को ही आरबीआई का तीसरा टर्म म‍िलेगा. अगर ऐसा होता है तो यह पहला मौका होगा जब शक्‍त‍िकांत दास सबसे लंबे समय तक आरबीआई के गवर्नर पद पर रहेंगे. 6 द‍िसंबर को जारी एमपीसी (MPC) के दौरान जब उनके इस बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने इस पर चुप्‍पी साध ली क‍ि केंद्रीय बैंक के प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल बढ़ाया जाएगा या नहीं. अपने संभावित एक्‍सटेंशन के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, 'मैं आपको कोई हेडलाइन नहीं दे रहा हूं.'


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दास का कार्यकाल को बढ़ा सकती है सरकार


मीड‍िया में भी यह अटकलें लगाई जा रही हैं क‍ि केंद्र सरकार दास का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ा सकती है. यह एक ऐसा फैसला होगा जो उन्हें 1960 के बाद से सबसे लंबे समय तक सेवाएं देने वाले आरबीआई गवर्नर बना देगा. दास का मौजूदा कार्यकाल 10 दिसंबर, 2024 को पूरा हो रहा है. दास को दिसंबर 2018 में आरबीआई गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया था. वह पांच साल के कार्यकाल को पार कर चुके हैं, यह हाल के कुछ सालों में एक स्‍टैंडर्ड रहा है. यदि उनके इस कार्यकाल को बढ़ाया जाता है तो वह बेनेगल रामा राउ (Benegal Rama Rau) के र‍िकॉर्ड को पीछे छोड़ देंगे. राउ 1949 से 1957 तक साढ़े सात साल तक इस पद पर बने रहे थे.


क‍िसी प्रकार की चयन समिति नहीं बनाई गई
आरबीआई में नियुक्ति से पहले दास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एडम‍िन‍िस्‍ट्रेशन में प्रमुख अधिकारी थे. उन्‍होंने सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच तनावपूर्ण संबंधों के दौरान अहम भूमिका निभाई थी. रॉयटर्स के हवाले से दावा क‍िया गया है क‍ि इस पूरे मामले से जुड़े दो लोगों ने बताया कि अभी तक क‍िसी प्रकार की चयन समिति आरबीआई गवर्नर की न‍ियुक्‍त‍ि के ल‍िए नहीं बनाई गई है. इस पद को लेकर किसी दूसरे उम्मीदवार पर विचार नहीं किया जा रहा. सूत्रों के अनुसार दास का कार्यकाल कम से कम एक साल और बढ़ाए जाने की संभावना है. सरकार की तरफ से इस मामले पर क‍िसी प्रकार की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.


दास को एक्‍सटेंशन म‍िलने की अटकलें तेज
आपको बता दें आरबीआई गवर्नर की नियुक्ति हर तीन साल में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सम‍िति की तरफ से की जाती है. इस पद के ल‍िए कोई तय न‍ियम या योग्‍यता नहीं है. समिति के मेंबर इकोनॉम‍िस्‍ट, बैंकिंग, वित्त या लोक प्रशासन के जानकार होने जरूरी है. 10 दिसंबर में दो द‍िन का समय बाकी है. लेक‍िन अभी तक उत्तराधिकारी के नाम पर क‍िसी तरह की चर्चा नहीं होने से ये अटकलें तेज हो रही हैं क‍ि दास का कार्यकाल आगे बढ़ सकता है.


दास की दावेदारी अहम क्‍यों?
बताया जा रहा है शक्‍त‍िकांत दास ने कोव‍िड महामारी के नाजुक समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को संभाला है. कुछ जानकारों का कहना है क‍ि पीएम मोदी ने तीसरे कार्यकाल के दौरान पुराने चेहरों को ही तवज्‍जो दी है. उन्‍होंने मंत्रिमंडल और सलाहकारों में प्रमुख मंत्रियों को बनाए रखा है. दास को एक्‍सटेंशन देने का यह कारण भी माना जा रहा है क‍ि सरकार आरबीआई में अभी क‍िसी तरह का बड़ा बदलाव नहीं चाहती. केंद्रीय बैंक ने बैंकों और एनबीएपुसी के ल‍िए कुछ नियम बनाए हैं. इन्‍हें पूरी तरह से लागू करने की प्रक्र‍िया दास के पद पर रहते आसान हो सकती है.