Iran-Pakistan Tension: ईरान और पाकिस्तान के बीच का विवाद चीन की चिंता को बढ़ा रहा है.  ईरान ने पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक किया तो पाकिस्तान ने भी ईरान पर जवाबी कार्रवाई करते हुए हवाई हमला कर दिया. जिसके बाद से दोनों देशों में जबरदस्त तनाव चल रहा है.  पाकिस्तान-ईरान के बीच इस तनाव के चलते चीन की चिंता बढ़ गई है. दरअसल चीन ने दोनों देशों में खरबों डॉलर का निवेश किया है. अगर तनाव बढ़ा तो उसका खरबों का निवेश फंस जाएगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्यों बढ़ी चीन की टेंशन 


चीन में पाकिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश किया है जो उसने सीपीईसी में किया हुआ है. फाइटर जेट से लेकर रॉकेट तक चीन ने पाकिस्तान के हर सेक्टर में निवेश किया है. पाकिस्तान के इंफ्रास्ट्रक्चर में भी चीन का बड़ा निवेश है. सड़क, रेल लाइनें, गैस पाइप लाइन चीन ने भारी भरकम निवेश किया हुआ है.  चीन ने पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के तहत 62 अरब डॉलर का निवेश किया हुआ है. इसका कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा बलूच इलाके में है, जहां ईरान हमला कर रहा है. चीन खाड़ी में अमेरिका का प्रभाव खत्‍म करने के लिए पाकिस्तान के साथ-साथ ईरान पर भी प्रभुत्व जताना चाह रहा है. चीन ने ईरान के साथ भी अरबों डॉलर का डील किया है.  


चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा बलूचिस्तान है. जो पाकिस्तान का सबसे खास इलाका है. जहां के प्राकृतिक खनिजों पर चीन की पैनी नजर है. ईरान-पाकिस्तान के संभावित युद्ध के साथ-साथ बलूचिस्तान के लोगों की बगावत का भी खतरा है. बलूच के लोगों को चीन का दखल पसंद नहीं आ रहा है. ऐसे में बगावत का खतरा भी बढ़ रहा है. बलूच के लोग चीन की संपत्ति को निशान बना रहे हैं.