गेहूं की बुवाई में देरी से उत्पादन प्रभावित होने के सवाल पर जोशी ने कहा, ‘मेरे पास विस्तृत जानकारी नहीं है. अगले दो-तीन दिन में मैं कृषि मंत्री से मिलूंगा. यह मेरे लिए उतना ही चिंताजनक है, क्योंकि कि हम सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से गेहूं वितरित करते हैं.’
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Paddy Procurement: खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि वह पंजाब में धान खरीद में देरी से गेहूं की बुवाई पर पड़ने वाले संभावित असर के बारे में कृषि मंत्री से चर्चा करेंगे. साथ ही उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि सरकार मंडियों में लाए गए ‘हर एक दाने’ की खरीद करेगी. इस देरी से नवंबर के मध्य में गेहूं की बुवाई से पहले खेतों को साफ करने के लिए किसानों द्वारा पराली जलाने की बढ़ती आशंकाओं के बीच जोशी ने कहा कि खरीद तत्काल प्राथमिकता बनी हुई है.
'गेहूं की बुवाई का काम कृषि मंत्रालय देखता है'
भारत ब्रांड के तहत सब्सिडी वाली दर पर गेहूं के आटे और चावल के दूसरे चरण की शुरुआत के मौके पर जोशी ने मीडिया से कहा, ‘हमारी प्राथमिकता खरीद है. पराली जलाने और गेहूं की बुवाई का काम कृषि मंत्रालय देखता है.’ उन्होंने कहा कि हालांकि, दोनों मंत्रालय इस मुद्दे पर तालमेल बिठा रहे हैं. मंत्री ने कहा, ‘हम उस पहलू पर भी विचार करेंगे. फिलहाल हमारी प्राथमिकता खरीद है. मेरी मुख्य चिंता यह है कि किसानों को इस समय चिंतित नहीं होना चाहिए.’
एक दिन में 6.29 लाख टन धान की खरीद
गेहूं की बुवाई में देरी से उत्पादन प्रभावित होने के सवाल पर जोशी ने कहा, ‘मेरे पास विस्तृत जानकारी नहीं है. अगले दो-तीन दिन में मैं कृषि मंत्री से मिलूंगा. यह मेरे लिए उतना ही चिंताजनक है, क्योंकि कि हम सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से गेहूं वितरित करते हैं.’ मंत्री ने कहा कि पंजाब में धान खरीद के काम में तेजी आई है, चार नवंबर को एक दिन में 6.29 लाख टन धान की खरीद हुई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 5.34 लाख टन धान की खरीद हुई थी. उन्होंने कहा कि पिछले साल 119 लाख टन की तुलना में अब तक कुल खरीद 98.42 लाख टन हो चुकी है.
20-28 लाख टन की कमी बारिश के कारण
उन्होंने बताया कि 20-28 लाख टन की कमी बारिश के कारण हुई है. उन्होंने कहा कि केंद्र चालू विपणन सत्र 2024-25 में लक्षित 184 लाख टन की खरीद के लिए प्रतिबद्ध है. जोशी ने कहा, ‘हम किसानों द्वारा मंडियों में लाए गए हर अनाज के दाने की खरीद करेंगे.’’ सरकार 2,320 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 'ए' ग्रेड धान खरीद रही है. सरकार ने पहले ही 5.38 लाख किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से एमएसपी भुगतान के रूप में 20,557 करोड़ रुपये हस्तांतरित कर दिए हैं. चीनी के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने की उद्योग की मांग के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, ‘उनका अनुरोध मंत्रालय के पास है. हम उचित समय पर निर्णय लेंगे.’ (इनपुट भाषा)