Paytm: डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म पेटीएम का हाल ही में फाइनेंशियल रिजल्ट सामने आया है. इसमें देखने को मिला है कि कंपनी का घाटा कम हुआ है. अब रिजल्ट के बाद कंपनी के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) और वन97 कम्युनिकेशन लिमिटेड (ओसीएल) दो अलग-अलग कंपनियां हैं और इनका परिचालन काफी दूरी रखते हुए किया जाता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कंपनी को नए ग्राहकों की जरूरत नहीं है.


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नए ग्राहकों की दरकार नहीं


पेटीएम के फाउंडर शर्मा ने पेटीएम की संचालक कंपनी वन97 कम्युनिकेशन के दूसरी तिमाही के नतीजों पर एक चर्चा के दौरान कहा कि कंपनी को कर्ज कारोबार की वृद्धि के लिए नए ग्राहकों की जरूरत नहीं है. उनका इशारा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के जरिए पीपीबीएल पर नए ग्राहक जोड़ने पर लगाए गए प्रतिबंध की तरफ था. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में पीपीबीएल को 11 मार्च, 2022 से नए ग्राहक जोड़ने से प्रतिबंधित कर दिया था.


अलग-अलग कंपनियां


इस प्रतिबंध के संभावित असर पर शर्मा ने कहा, “पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड और पेटीएम दो बहुत अलग-अलग कंपनियां हैं, जिनमें थोड़ी नहीं बल्कि बहुत दूरी है.” पीपीबीएल पेटीएम की एक समूह कंपनी है, जिसमें उसकी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है. हालांकि, पेटीएम के दस्तावेज पीपीबीएल को कंपनी के सहयोगी के रूप में दिखाती हैं न कि अनुषंगी कंपनी के रूप में.


मौजूदा ग्राहकों तक पहुंच


शर्मा ने कहा, “अपने लोन कारोबार को बढ़ाने के लिए असल में हमें अपने मंच पर उपभोक्ताओं को बढ़ाने की जरूरत नहीं है. हमारे लिए नए उपभोक्ता जोड़ने के बजाय मौजूदा ग्राहकों तक पहुंच बनाना बेहतर है.” शर्मा ने कहा कि पेटीएम विभिन्न उपभोक्ता भुगतान उत्पादों के लिए उपभोक्ताओं को जोड़ता है और फिर व्यापारियों को सेवाएं देता है. पेटीएम का चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में एकीकृत घाटा कम होकर 291.7 करोड़ रुपये रह गया है.


ये है नतीजे


पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 571.5 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. सितंबर तिमाही में परिचालन से एकीकृत आय लगभग 32 प्रतिशत बढ़कर 2,518.6 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल समान तिमाही में 1,914 करोड़ रुपये थी. पेटीएम का वित्तीय सेवाओं व अन्य के लिए राजस्व 64 प्रतिशत वृद्धि के साथ सितंबर तिमाही में 571 करोड़ रुपये हो गया. पेटीएम से कर्ज वितरण सालाना आधार पर 44 प्रतिशत वृद्धि के साथ सितंबर तिमाही में 1.32 करोड़ हो गया, जबकि कर्ज में दी गई राशि दोगुने से ज्यादा 16,211 करोड़ रुपये हो गई. (इनपुट: भाषा)