Bullet Train के नाम में आखिर क्यों लगा है बुलेट? ये है इसके पीछे की खास वजह
Bullet Train Speed: भारत में जल्द ही बुलेट ट्रेन दौड़ने वाली है. इसके लिए मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को सभी तरह की मंजूरी भी दे दी जा चुकी है लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर बुलेट ट्रेन के नाम में बुलेट क्यों जुड़ा है?
Bullet Train in India: देश में काफी सालों पहले ही बुलेट ट्रेन की नींव रखी जा चुकी थी. इसके बाद से ही लोगों को देश में बुलेट ट्रेन आने की बेसब्री है. वहीं हाल ही में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया था कि राज्य सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को सभी तरह की मंजूरी दे दी है ताकि परियोजना में तेजी लाई जा सके. बुलेट ट्रेन को लेकर भारत के लोगों में काफी उत्सुकता भी बनी हुई है, साथ ही लोगों के मन में ये सवाल भी है कि आखिर ऐसी ट्रेन को बुलेट ट्रेन ही क्यों कहा जाता है और क्यों इसके नाम में बुलेट जुड़ा हुआ है?
स्पीड
बुलेट ट्रेन के नाम में बुलेट जुड़े होने के पीछे काफी दिलचस्प बातें छुपी हुई है. बुलेट का मतलब बंदूक की गोली है. बंदूक की गोली काफी तेज गति से चलती है. वहीं बुलेट ट्रेन की निर्माण भी इस उद्देश्य से किया गया है कि इसकी स्पीड सबसे ज्यादा तेज हो. ऐसे में बंदूक की गोली की रफ्तार के बराबर चलने वाली रेल की संज्ञा देने के तौर पर इसको बुलेट ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है.
जापान से शुरुआत
वहीं लोकप्रिय अंग्रेजी नाम बुलेट ट्रेन जापानी शब्द डांगन रेशा का शाब्दिक अनुवाद है, जो परियोजना को दिया गया एक उपनाम है. इसकी शुरुआत में 1930 के दशक में इसकी चर्चा हुई थी. वहीं जापान में बुलेट ट्रेन को शिंकासेन के नाम से भी जाना जाता है. जापान में बुलेट ट्रेन नेटवर्क शिंकासेन नेटवर्क के तौर पर जाना जाता है.
आकार
इसके साथ ही बुलेट ट्रेन का आकार भी काफी मायने रखता है. बुलेट ट्रेन का आकार बाकी ट्रेनों से अलग होता है. इसका आकार आगे से थोड़ा नोक वाला होता है ताकी हवा को चीर के आगे बढ़ा जा सके. वहीं बुलेट ट्रेन का आगे से आकार भी बुलेट की तरह होता है. इसलिए भी इसको बोलचाल की भाषा में बुलेट ट्रेन कहा जाने लगा और यही नाम पड़ गया.
भारत में आएगी बुलेट ट्रेन
बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की अनुमानित लागत 1.10 लाख करोड़ रुपये है जिसमें से 88,000 करोड़ रुपये जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) दे रही है. महाराष्ट्र में परियोजना के लिए जरूरी भूमि का 70 फीसदी ठाणे और पालघर जिलों में अधिग्रहित कर लिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने सितंबर 2017 में अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन परियोजना की नींव रखी थी. ट्रेन 500 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी दो घंटे में तय कर सकती है.
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