Ladli Behna Yojana: चुनाव आयोग ने आचार संहिता का हवाला देते हुए मतदाताओं को सीधे प्रभावित करने वाली वित्तीय योजना को बंद करने का निर्देश दिया है. जिसके बाद महिला एवं बाल कल्याण विभाग की ओर से मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना को जारी होने वाली फंड रोक दी गई है.


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चुनाव आयोग ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता का हवाला देते हुए महाराष्ट्र सरकार के लाडली बहन योजना के फंडिग पर रोक लगा दी है. यानी लाडली बहनों की यह दिवाली फीकी होने वाली है.


महाराष्ट्र सरकार ने की थी बोनस की घोषणा


शिंदे सरकार ने हाल ही में दिवाली के अवसर पर लाडली बहन योजना के लाभार्थियों के लिए बोनस देने की घोषणा की थी. लेकिन चुनाव आयोग की रोक के बाद पैसे मिलने की उम्मीद खत्म हो गई है.


महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की मह‍िलाओं को वित्तीय सहायता देने के लिए इस योजना के तहत दिवाली बोनस का ऐलान किया था. इसके तहत मह‍िला लाभार्थ‍ियों को सीधे बैंक अकाउंट में 3,000 से 55 सौ रुपये मिलने थे. 


चुनाव आयोग ने फंडिग पर लगाई रोक


दरअसल, चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. झारखंड में जहां 13 और 20 नवंबर को दो चरण में मतदान होंगे जबकि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक चरण में मतदान होंगे. चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद राज्य में आचार संहिता लागू कर दी गई है.


जिसके बाद राज्य चुनाव आयोग ने आचार संहिता का हवाला देते हुए मतदाताओं को सीधे प्रभावित करने वाली वित्तीय योजना को बंद करने का निर्देश दिया है. जिसके बाद महिला एवं बाल कल्याण विभाग की ओर से मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना को जारी होने वाली फंड रोक दी गई है.


4600 करोड़ रुपये सालाना जरूरत


लाडली बहन योजना के लिए महाराष्ट्र सरकार को सालाना 46000 करोड़ रुपये की जरूरत होती है. इस योजना का मकसद 21 से 65 साल तक की उम्र की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं की व‍ित्‍तीय मदद करना है. इसके तहत 2.5 लाख रुपये की सालाना आमदनी से कम वालों को हर महीने सरकार की तरफ से आर्थ‍िक मदद दी जाती है.