World Consumer Rights Day: इंटरनेट के बढ़ते दखल ने हमारी जिंदगी जितनी आसान की है, तो थोड़ी मुश्किलें भी बढ़ाईं हैं. ऑनलाइन शॉपिंग के जमाने में आपके साथ भी ये जरूर ये हुआ होगा कि आपने मंगाया कुछ और डिलीवर कुछ और हुआ, या फिर आपको खराब या डैमेज प्रोडक्ट थमा दिया गया. चाहे वो कोई मोबाइल फोन हो, कॉस्मैटिक हो, कपड़े या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स.


ई-कॉमर्स पर बढ़ती धोखाधड़ी


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आमतौर पर अगर आप किसी बड़ी और नामी वेबसाइट या ई-कॉमर्स कंपनी से कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं और आप उस प्रोडक्ट में कोई खामा पाते हैं तो आपकी शिकायतों का निपटारा हो जाता है. हालांकि कई दफा मामले कोर्ट तक भी पहुंचे हैं. मगर खतरा तब ज्यादा बढ़ जाता है जब आप किसी फेक वेबसाइट से सामान खरीदते हैं, और ठगी का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में रीफंड पाना बड़ा मुश्किल हो जाता है.  


ई-कॉमर्स पर नकेल


नया उपभोक्ता सुरक्षा कानून 2019 ( Consumer Protection Law 2019) 20 जुलाई 2020 से लागू हुआ, जिसमें ई-कॉमर्स कंपनियों और ऑनलाइन रीटेलर्स को लेकर कई तरह के प्रावधान किए गए थे. जिसमें कंपनियों के लिए किसी प्रोडक्ट के बारे में बहुत सारी जानकारियां देना अनिवार्य किया गया था, जैसे उसकी कीमत, एक्सपायरी तारीख, रिटर्न, रीफंड, एक्सचेंज, वारंटी और गारंटी, डिलिवरी और शिपमेंट, पेमेंट के तरीके, शिकायतों की सुनवाई का मैकेनिज्म, चार्ज बैक ऑप्शन वगैरह. 


ये सभी जानकारियां इसलिए जरूर की गई हैं कि उपभोक्ता को ऑर्डर करने से पहले सभी तरह की सूचनाएं रहें. ऑनलाइन मार्केटप्लेस के लिए एक कस्टमर केयर नंबर भी जरूरी है. सरकार की ओर से दिए गए आदेश के मुताबिक सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को 48 घंटे के अंदर शिकायतों को संज्ञान लेना होगा और एक महीने के अंदर उनका निवारण भी करना होगा. 


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लेकिन ऐसा सिर्फ जानी मानी और बड़ी कंपनियों के साथ होता है कि वो अपने उपभोक्ताओं की शिकायतों कों गभीरता से लेकर उसका हल करती हैं. आजकल Facebook, Instagram पर ऐसे ढेरों फेक IDs हैं जो गैजेट्स, कपड़े और दूसरी तरह की तमाम चीजें बेचने के नाम पर फ्रॉड कर रही हैं, ऐसे वेबसाइट्स के कस्टमर केयर नंबर खोजना या इनके ऑफिस खोजना बेहद मुश्किल है. 


ऐसे में आपके पास कंज्यूमर फोरम में जाने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है. हालांकि ये प्रक्रिया थोड़ी लंबी जरूर लगती है, लेकिन असरदार है. देश में ऑनलाइन फ्रॉड के कई ऐसे मामले कंज्यूमर फोरम में ही निपटे हैं. अगर आप भी किसी ऑनलाइन कंपनी के फ्रॉड का शिकार हुए हैं तो एक नजर इस प्रक्रिया पर डालिए. 


कहां कर सकते हैं शिकायत


1. आप सरकार की Intergrated Grievance Redressal Mechanism पोर्टल-INGRAM पर जाकर शिकायत दर्ज कराएं 
2. उपभोक्ता मंत्रालय भी consumerhelpline.gov.in पर शिकायतों को सुनता है. यहां जागो ग्राहक जागो के स्लोगन के साथ अपनी शिकायत को दर्ज कराएं 
3. नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) में शिकायत करें, अगर आपके साथ किसी तरह का फ्रॉड लेन-देन हुआ है. सबसे पहले पुलिस या साइबर सेल में FIR दर्ज करवाएं अगर कंपनी ट्रेस नहीं हो रही है. NCH के नंबर 1800-11-4000 या 14404 पर कॉल करके आप शिकायत कर सकते हैं. 
4. आप कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कंज्यूमर फोरम में जा सकते हैं. ये सबसे कारगर और तेज प्रक्रिया है. इसमें आपको किसी तरह की फीस नहीं लगती और न ही खुद हाजिर होना पड़ता है
5. आप नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रीड्रेसल कमीशन की वेबसाइट http://ncdrc.nic.in/ivrs.html पर जाकर शिकायत कर सकते हैं. 


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