नई दिल्ली: ज़ी एंटरटेनमेंट पर गैरकानूनी तरीके से टेकओवर का प्लान कर रहे इन्वेस्को को झटका लगा है. NCLAT ने 7 अक्टूबर को ZEEL की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जवाब दाखिल करने के लिए NCLT ने ZEEL को पर्याप्त समय नहीं दिया गया है. ऐसा करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है. इसलिए ज़ी एंटरटेनमेंट को अपना जवाब दाखिल कराने के लिए वक्त देना चाहिए. बता दें, ZEEL ने बुधवार को NCLAT में इन्वेस्को के नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की थी. ज़ी ने ग्लोबल चाइना फंड LLC और इन्वेस्को के नोटिस को गैरकानूनी बताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक मुकदमा भी दायर किया था.


बोर्ड तय करेगा कि EGM कब बुलानी चाहिए


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NCLAT ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए कहा कि NCLT ने ZEEL को पर्याप्त समय नहीं दिया. ZEEL को अपना जवाब दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए. ZEEL ने NCLT के ऑर्डर के खिलाफ एक अर्जी NCLAT में लगाई थी. Zee Entertainment की EGM को लेकर लगातार चर्चा हो रही है. कंपनी का कहना है कि यह बोर्ड तय करेगा कि EGM कब बुलानी चाहिए. बोर्ड तय वक्त पर ही EGM बुलाएगा. वहीं, इन्वेस्को चाहता था कि बोर्ड जल्द EGM बुलाए और उसके प्रस्तावित नामों को शामिल किया जाए. कंपनी कानून के मुताबिक शेयरहोल्डरों की तरफ से मांग मिलने के 21 दिनों के अंदर कंपनी को EGM बुलानी पड़ती है.


ZEEL की तरफ से जारी हुआ स्टेटमेंट


फिलहाल, NCLAT ने ज़ी एंटरटेनमेंट के पक्ष को मजबूत माना है. NCLAT के फैसले के बाद ज़ी एंटरटेनमेंट के प्रवक्ता ने स्टेटमेंट जारी किया है. उन्होंने कहा 'नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) का आज का निर्णय, भारतीय न्यायिक प्रणाली में हमारे पूर्ण विश्वास को सही ठहराता है. कानून की नियत प्रक्रिया सभी को अपना पक्ष रखने का अवसर देती है. एनसीएलएटी ने हमारी याचिका पर संज्ञान लिया है और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को मजबूत किया है, जिससे हमें सुनने का उचित अवसर मिला है. कंपनी अपने सभी शेयरधारकों के सर्वोत्तम हित में और लागू कानून के अनुसार सभी आवश्यक कदम उठाना जारी रखेगी.'


डॉ. सुभाष चंद्रा ने देशवासियों से की थी अपील
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के फाउंडर डॉ. सुभाष चंद्रा ने बुधवार को ज़ी न्यूज के शो DNA को बड़ा इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने देशवासियों से अपील की थी कि कुछ विदेशी कंपनियां आपके ZEE TV पर कब्जा करने की मंशा से साजिश कर रही हैं. ऐसा न होने दें. इस पर देश से बड़ा सपोर्ट ZEE Entertainment को मिला है. ट्विटर पर लगातार यही चर्चा हो रही है कि #DeshKaZee विदेशियों के हाथ में जाने नहीं देना है. 


(Disclaimer: ज़ी एंटरटेनमेंट हमारी Sister Concern/Group Company नहीं है. हमारे नाम एक जैसे दिखते हैं लेकिन हमारा स्वामित्व और प्रबंधन अलग ग्रुप की कंपनी ज़ी मीडिया के हाथों में है.)


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