आपको पता है सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की कैसे होती है नियुक्ति?, यहां जानें योग्यता और पूरी प्रोसेस
Best Career Option: सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जज बनने के लिए कई वर्षों का अनुभव जरूरी है. इनकी नियुक्ति के बारे में संविधान में अनुच्छेद 124 (2) में बताया है. कॉलेजियम में देश के सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट के 4 सीनियर जज होते हैं, जो सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति करते है.
How to Beacome A Judge: रसूख वाली सरकारी नौकरी कौन नहीं करना चाहता. इसके लिए युवा सालों साल जी तोड़ मेहनत करते हैं. इन्हीं रसूख वाली नौकरी में से एक हैं सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जज होना. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के तहत कई अहम फैसले लिए जाते हैं. सरकार को भी न्यायधीशों के फैसलों को मानना पड़ता है. क्या आप जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति कैसे होती है?
ज्यादातर लोगों को ये नहीं पता होता कि न्यायधीश बनने के लिए क्या योग्यताएं जरूरी होती हैं. जानें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज की नियुक्ति किस आधार पर होती है. इसके लिए जरूरी योग्यता क्या निर्धारित की गई है. आज इस आर्टिकल में हम आपको इस बारे में विस्तार से बताएंगे...
कॉलेजियम की सिफारिश पर राष्ट्रपति करते हैं जजों की नियुक्ति
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) का परामर्श इस नियुक्ति में अहम योगदान रखता है. संविधान में अनुच्छेद 124 (2) में सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति के बारे में दिया गया है. इसके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के परामर्श पर करते हैं. कॉलेजियम में भारत के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जज शामिल होते हैं. यही कॉलेजियम सुप्रीम कोर्ट के साथ राज्यों के हाईकोर्ट के न्यायधीशों की नियुक्ति भी करता है. इसके अलावा कॉलेजियम फैसला करता है कि उच्च न्यायालय के कौन से जज पदोन्नत होकर सुप्रीम कोर्ट भेजे जाएंगे. वहीं, देश भर में मौजूद सभी सभी राज्यों की सरकारें अलग-अलग माध्यमों से जजों की नियुक्तियां करती हैं.
जज बनने के लिए ये चाहिए शैक्षिक योग्यता
जज बनने के लिए आपको 12वीं के बाद किसी मान्यता प्राप्त संस्थान/यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल करना होता है.
आप चाहे तो ग्रेजुएशन के बाद भी एलएलबी कर सकते हैं.
एलएलबी के बाद जज की भर्ती निकलती है, तब कैंडिडेट्स इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं.
जज बनने के लिए ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम क्लियर करना जरूरी है.
इस परीक्षा का आयोजन तीन चरणों में होता है, जिसमें प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू शामिल हैं.
इस परीक्षा के अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है.
मेरिट के आधार पर जज की नियुक्ति होती है.
हाईकोर्ट जज और सुप्रीम कोर्ट जज बनने के लिए योग्यता
इसके लिए भी सबसे जरूरी योग्यता है कि अभ्यर्थी को भारतीय नागरिक होना चाहिए.
कैंडिडेट्स ने लॉ में ग्रेजुएशन किया होना चाहिए
कैंडिडेट्स को वकालत में 10 साल का अनुभव होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट का जज बनने के लिए जरूरी है कि कैंडिडेट हाईकोर्ट में कम से कम 5 साल तक जज रह चुके हों या फिर हाईकोर्ट में न्यूनतम 7-10 साल तक वकालत की हो.
राष्ट्रपति के विचार में जाने-माने कानूनविद भी सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त किए जाते हैं.
जज की सैलरी
जूनियर सिविल जज की सैलरी 45 हजार और सीनियर जज की सैलरी करीब 80 हजार रुपये महीने होती है. हालांकि, अलग-अलग राज्यों में सैलरी का अंतर हो सकता है.
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को 2.50 लाख रुपये हर महीने सैलरी मिलती है.
हाईकोर्ट के अन्य जजों की सैलरी 2.25 लाख रुपये प्रतिमाह होती है.
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को 2.80 लाख रुपये वेतन दिया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों को सैलरी के तौर पर 2.50 लाख रुपये प्रतिमाह मिलते हैं.