District Magistrate Suspend: आईएएस अफसर बनने के बाद अधिकारी के ऊपर अलग अलग तरह की जिम्मेदारियां होती हैं. अगर वहीं कोई आईएएस किसी जिले का डीएम हो तो उसके ऊपर पूरे जिले की जिम्मेदारी होती है. उस जिले में होने वाले हर छोटे से लेकर बड़े काम तक की पूरी जिम्मेदारी डीएम की होती है. डीएम को वहां की समस्याओं को सुलझाने से लेकर सांस्कृतिक क्रार्यमक्र तक सबकी जिम्मेदारी संभालनी होती है. 


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आज हम आपको बता रहे हैं कि जब एक डीएम को सस्पेंड कर दिया जाता है तो इसका क्या मतलब होता है. डीएम की नौकरी पर पर्सनल लाइफ पर इसका कैसा नेगेटिव या पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है. क्या किसी डीएम को उसकी गलती की वजह से सस्पेंड किया जाता है या फिर जनता के गुस्से और दूसरी चीजों को देखते हुए डीएम को सस्पेंड कर दिया जाता है. 


देश के अलग अलग राज्यों से डीएम के सस्पेंड होने की खबरें आती रहती हैं. अगर किसी डीएम ने कोई गलती की है तो उसकी सजा के लिए कुछ ऐसे ही तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें ट्रांसफर हो सकता है या फिर सस्पेंड किया जा सकता है. वहीं गलती करने पर जिलाधिकारी को नोटिस जारी किया जा सकता है या फिर बड़ी गलती है तो चार्जशीट की कार्रवाई हो सकती है. अगर चार्जशीट दे दी तो उसके बाद जांच होती है. जांच में दोषी पाए जाने पर कई तरह से कार्रवाई की जा सकती है. इसमें पहला, चेतावनी देकर छोड़ देना है. दूसरा, सीनियर अधिकारियों की डांट पड़ सकती है. तीसरा, उसका इन्क्रीमेंट रोका जा सकता है. अगर गलती बहुत ज्यादा बड़ी है, तो पदमुक्त करने की कार्रवाई भी की जा सकती है.


क्या पड़ सकता है असर
अगर कोई अधिकारी बार बार सस्पेंड हो रहा है तो उसकी काम के आधार पर मिलने वाली ग्रेडिंग कम हो सकती है जिसका सीधा असर उसके प्रमोशन पर पड़ सकता है. अधिकारी के प्रमोशन में देरी हो सकती है. वहीं अगर किसी अधिकारी को सस्पेंड कर दिया जाता है तो सरकार को उसे सैलरी और कुछ सुविधाएं देनी पड़ती हैं इसलिए सस्पेंशन को ज्यादा लंबा नहीं खींचा जाता है. 


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