What is PARAKH: नई योजना के मुताबिक, कक्षा 9, 10 और 11 में छात्रों के प्रदर्शन को कक्षा 12 के फाइनल नंबरों में शामिल किया जा सकता है. यह रिपोर्ट NCERT की एक यूनिट PARAKH ने शिक्षा मंत्रालय को सौंपी है. PARAKH को पिछले साल देश भर के स्कूल बोर्डों की परीक्षाओं को एक समान पैटर्न पर लाने के लिए बनाया गया था.


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नई शिक्षा नीति के मुताबिक, PARAKH को स्कूल बोर्डों की परीक्षाओं को एक समान बनाने, छात्रों की उपलब्धियों का पता लगाने और शिक्षकों को बेहतर बनाने के लिए बनाया गया था. पिछले एक साल में PARAKH ने 32 स्कूल बोर्डों से बात की और फिर शिक्षा मंत्रालय को एक रिपोर्ट दी. इस रिपोर्ट में सभी स्कूल बोर्डों की परीक्षाओं को एक जैसा बनाने के तरीके बताए गए हैं.


द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इसमें कक्षा 9 के नंबरों को 15%, कक्षा 10 के नंबरों को 20%, कक्षा 11 के नंबरों को 25% और कक्षा 12 के नंबरों को 40% का वेटेज दिया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रों का मूल्यांकन दो तरह से होगा - एक, लगातार क्लास में होने वाले काम जैसे प्रोजेक्ट, ग्रुप डिस्कशन आदि के आधार पर और दूसरा, साल के आखिर की परीक्षाओं के आधार पर.


नई योजना के मुताबिक, हर कक्षा में लगातार होने वाले काम (फॉर्मेटिव असेसमेंट) और साल के आखिर की परीक्षाओं (समेटिव असेसमेंट) के नंबरों का अलग-अलग वेटेज होगा.


कक्षा 9 में, 70% नंबर लगातार काम के आधार पर और 30% नंबर परीक्षा के आधार पर तय होंगे.
कक्षा 10 में, 50% नंबर लगातार काम के और 50% नंबर परीक्षा के आधार पर तय होंगे.
कक्षा 11 में, 40% नंबर लगातार काम के और 60% नंबर परीक्षा के आधार पर तय होंगे.
कक्षा 12 में, लगातार काम के नंबरों का वेटेज घटकर 30% हो जाएगा, जबकि परीक्षा के नंबरों का वजन 70% हो जाएगा.


सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट को सभी स्कूल बोर्डों के साथ शेयर किया जाएगा ताकि उनका फीडबैक लिया जा सके. दरअसल, इस बारे में पिछले हफ्ते हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकारियों के साथ पहली बैठक भी हो चुकी है.


सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में राज्यों ने इस योजना में बदलाव की मांग की है. उनका कहना है कि कक्षा 9, 10 और 11 के नंबरों को कक्षा 12 के फाइनल नंबरों में जोड़ने की बजाय, कक्षा 9 के नंबरों का 40% और कक्षा 10 के नंबरों का 60% मिलकर कक्षा 10 का अंतिम नंबर बनाया जाना चाहिए. इसी तरह, कक्षा 11 के नंबरों का 40% और कक्षा 12 के नंबरों का 60% मिलकर कक्षा 12 का फाइनल नंबर बनना चाहिए. यानी, PARAKH अगले महीने देश के बाकी स्कूल बोर्डों के साथ भी इस नए तरीके के बारे में बात करेगा और उनकी राय लेगा.


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PARAKH ने कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए एक नई तरह की रिपोर्ट कार्ड तैयार किया है. इसमें छात्रों को खुद का मूल्यांकन करने का मौका मिलेगा, जैसे कि वे समय का कितना अच्छा इस्तेमाल करते हैं. साथ ही, टीचर्स भी स्टूडेंट्स के ग्रुप वर्क में प्रदर्शन का मूल्यांकन करेंगे और साथी छात्र भी एक-दूसरे के काम के बारे में बता सकेंगे. इसके अलावा, PARAKH ने सुझाव दिया है कि छात्रों को क्रेडिट्स दिए जाएं. कक्षा 9 और 10 में हर छात्र को 40 क्रेडिट और कक्षा 11 और 12 में 44 क्रेडिट मिल सकते हैं. इनमें से कुछ क्रेडिट अलग-अलग सब्जेक्ट जैसे हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान आदि के लिए होंगे.


सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि PARAKH द्वारा सुझाए गए क्रेडिट्स का विचार नई शिक्षा नीति 2020 में बताए गए ‘अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स’ पर आधारित है. इसी आधार पर छात्रों की कक्षा 9, 10 और 11 में की गई उपलब्धियों को क्रेडिट के रूप में मानने और इसे बोर्ड परीक्षा के साथ जोड़ने का प्रस्ताव दिया गया है. अधिकारियों ने कहा कि इस बदलाव को एकदम से नहीं किया जा सकता है, इसलिए राज्यों के साथ बातचीत की जा रही है ताकि उनकी चिंताओं को दूर किया जा सके और सभी एक राय पर पहुंच सकें.


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