AICTE Scheme For Students: ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने टेक्निकल कंपटीशन में हिस्सा  लेने के लिए विदेश जाने वाले स्टूडेंट्स की सहायता के लिए ‘सपोर्ट टू स्टूडेंट्स फॉर पार्टिसिपेटिंग इन कंपटीशन अब्रोड (एआईसीटीई- एसएसपीसीए) स्कीम लांच की है. इसका उद्देश्य इंडियन स्टूडेंट्स के बीच ग्लोबल कंपटीशन को बढ़ावा देना है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह स्कीम ऐसे स्टूडेंट्स के लिए है जो अकेले या एक टीम रूप में इंटरनेशनल कंपटीशन में हिस्सा लेने के इच्छुक हैं. इसका उद्देश्य स्टूडेंट्स के बीच रिसर्च, इनोवेशन और कंपटीशन की संस्कृति को बढ़ावा देना है. यह स्कीम प्रतिष्ठित इंटरनेशनल कंपटीशन में भारत को रिप्रेजेंट करने के इच्छुक स्टूडेंट्स को व्यापक सहायता प्रदान करती है. इसमें फाइनेंशियल हेल्प, कंसल्टेशन और लॉजिकल गाइडेंस शामिल है. इस योजना के माध्यम से स्टूडेंट्स को दुनिया भर के लोगों, इंडस्ट्री लीडर्स और एकेडमिक्स के साथ नेटवर्क बनाने का मौका मिलेगा. जिससे इंटर कल्चर अंडरस्टैंडिंग और कोलोब्रेशन को बढ़ावा मिलेगा.


इस स्कीम में एक स्टूडेंट को 2 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. इसमें इंटरनेशनल जर्नी, डोमेस्टिक जर्नी, रजिस्ट्रेशन फीस, वीज़ा फीस, लॉजिंग और बोर्डिंग, एयरपोर्ट टैक्स, ट्रैवल हेल्थ इंश्योरेंस और कंपटीशन से संबंधित इक्विपमेंट लेने पर आने वाली लागत शामिल है. योजना के तहत एआईसीटीई द्वारा अप्रूव्ड संस्थान में डिप्लोमा, बी.ई/ बी.टेक, इंटीग्रेटेड एम.टेक, एम.ई/ एम.टेक, एमबीए, एमसीए और होटल मैनेजमेंट कोर्सेज के एक स्टूडेंट या स्टूडेंट्स की टीम (एक टीम में कम से कम 2 और अधिकतम 6 पार्टिसिपेट) एलिजिबल हैं. 


स्कीम का फायदा एसएसपीसीए द्वारा प्रस्तावित कैटेगरी के तहत इंटरनेशनल कंपटीशन में हिस्सा लेने के लिए दिया जाएगा. कैटेगरी‘A’ में एआईसीटीई एक्सपर्ट समिति द्वारा समय-समय पर घोषित विदेश में होने वाली एक प्रसिद्ध प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का प्रस्ताव है. कैटेगरी ‘B’ में स्टूडेंट्स को अपनी ओर से प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की अनुमति है.


एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने स्कीम को लांच करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया तेजी से आपस में कनेक्ट हो रही है, इंटरनेशनल कंपटीशन में हिस्सा लेने से स्टूडेंट्स को स्किल डेवलपमेंट, नॉलेज के आदान-प्रदान और कल्चरल प्रमोशन के मौके मिलते हैं.