JEE Advanced 2025: कोर्स छोड़ने वाले कैंडिडेट्स हक में आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अब एग्जाम देने के लिए हो गए पात्र
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JEE Advanced 2025: कोर्स छोड़ने वाले कैंडिडेट्स हक में आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अब एग्जाम देने के लिए हो गए पात्र

JEE Advanced Eligibility Criteria: जॉइंट एडमिशन बोर्ड के नोटिस के आधार पर, कुछ स्टूडेंट्स ने यह मानते हुए अपना कोर्स छोड़ दिया था कि वे जेईई (एडवांस्ड) में बैठने के लिए पात्र होंगे.

JEE Advanced 2025: कोर्स छोड़ने वाले कैंडिडेट्स हक में आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अब एग्जाम देने के लिए हो गए पात्र

SC on JEE Exam: उच्चतम न्यायालय ने पांच नवंबर से 18 नवंबर 2024 के बीच कोर्स छोड़ने वाले याचिकाकर्ताओं को संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई)-एडवांस के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की शुक्रवार को अनुमति दे दी. न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने जेईई-एडवांस्ड कैंडिडे्टस को दिए जाने वाले प्रयासों की संख्या तीन से घटाकर दो करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया. शीर्ष अदालत ने कहा कि जेईई-एडवांस्ड परीक्षा आयोजित करने का जिम्मा संभालने वाले संयुक्त प्रवेश बोर्ड (जेएबी) ने पिछले साल पांच नवंबर को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी जिसमें कहा गया था कि एकेडमिक ईयर 2023, 2024 और 2025 में 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्र जेईई-एडवांस्ड परीक्षा देने के पात्र होंगे.

पीठ ने कहा कि 18 नवंबर 2024 को एक अन्य प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई, जिसमें पात्रता को केवल दो एकेडमिक ईयर- 2024 और 2025 तक सीमित कर दिया गया. पीठ ने कहा, "यदि छात्र उक्त अभ्यावेदन (पांच नवंबर) पर अमल करते हुए इस समझ के साथ अपने कोर्स से बाहर हो गए हों कि वे जेईई परीक्षा देने के हकदार होंगे तो 18 नवंबर 2024 के फैसले से उन्हें नुकसान नहीं होने दिया जा सकता." जेएबी के निर्णय के गुण-दोष पर विचार किए बिना शीर्ष अदालत ने कहा कि पांच नवंबर से 18 नवंबर 2024 के बीच कोर्स छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को भी परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की अनुमति दी जाएगी.

शीर्ष अदालत दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें से एक 22 कैंडिडेट्स द्वारा दायर की गई थी, जिसमें जेईई-एडवांस्ड के लिए अटेंप्ट की संख्या तीन से घटाकर दो करने को चुनौती दी गई थी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि पांच नवंबर 2024 की प्रेस विज्ञप्ति में किए गए वादे के कारण, उन्होंने आईआईटी में एडमिशन के लिए आयोजित परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए कॉलेज छोड़ दिया.

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अधिवक्ता संजीत कुमार त्रिवेदी के माध्यम से दायर एक अन्य याचिका में कहा गया कि यह मामला आईआईटी में एडमिशन की प्रक्रिया से संबंधित है और जेएबी ने स्टूडेंट्स के लिए पात्रता मानदंड को मनमाने तरीके से बदल दिया है. एक कैंडिडेट द्वारा दायर याचिका में कहा गया है, "जेएबी ने पांच नवंबर 2024 की अपनी प्रेस विज्ञप्ति के जरिए सबसे पहले जेईई-एडवांस्ड के लिए प्रयासों की स्वीकार्य संख्या तीन तय की, लेकिन 18 नवंबर 2024 को एक अन्य प्रेस विज्ञप्ति जारी करके इसे अचानक बदल दिया और इस तरह प्रयासों की संख्या घटाकर दो कर दी."

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