Bhutan Stays Away From World Superpowers: भूटान एक छोटा, लेकिन बेहद खास देश है, जो हिमालय की गोद में बसा अपनी खूबसूरती से पूरी दुनिया को आकर्षित करता है. अपनी अनोखी संस्कृति, शांतिप्रिय नीति और संवैधानिक राजशाही के लिए पहचाने जाने वाले इस देश की विदेश नीति भी खास है. जहां दुनिया के कई देश अमेरिका और रूस जैसी सुपरपावर्स के प्रभाव में रहते हैं. वहीं, भूटान ने हमेशा इन बड़े देशों से दूरी बनाए रखी है, लेकिन भारत के साथ भूटान के संबंध बेहद दोस्ताना हैं. आइए जानते हैं इसकी वजह...


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भारत और भूटान: दोस्ती की कहानी
भूटान और भारत का संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहा है. 1949 में भारत और भूटान के बीच एक महत्वपूर्ण संधि हुई, जिसे "परस्पर शांति और मित्रता की संधि" कहा गया. इस संधि में भारत ने भूटान की स्वतंत्रता का सम्मान करने का वादा किया, लेकिन भूटान की विदेश नीति और रक्षा में सहयोग देने की जिम्मेदारी भी ली. इसी दोस्ताना संबंध के कारण भूटान ने भारत को अपनी विदेश और सुरक्षा नीतियों में अहम स्थान दिया है.


अमेरिका-रूस से दूरी बनाए रखने की वजह
भूटान का प्रमुख उद्देश्य अपनी अनोखी संस्कृति और पारंपरिक जीवनशैली को बचाए रखना है. भूटान ने 20वीं सदी तक किसी भी विदेशी देश के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित नहीं किए. 1971 में भूटान ने संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता ली, लेकिन इसके बाद भी उसने अमेरिका, रूस या चीन जैसे बड़े देशों से दूरी बनाए रखी. इसका कारण है कि भूटान बाहरी प्रभाव से बचते हुए अपनी सांस्कृतिक विरासत और स्वायत्तता को वरीयता देता है.


भूटान की सीमित बाहरी नीतियां
भूटान के विदेश संबंध काफी सीमित हैं. आज भी यह देश केवल भारत और बांग्लादेश जैसे कुछ चुनिंदा देशों के साथ ही कूटनीतिक संबंध रखता है. यहां तक कि भूटान ने 1974 में पहली बार किसी विदेशी पर्यटक को अपने देश में प्रवेश की अनुमति दी. यहां इंटरनेट और टेलीविजन जैसे आधुनिक साधनों को भी 1999 में ही अनुमति मिली.


भारत के लिए क्यों है रणनीतिक रूप से अहम?
भारत के लिए भूटान का सामरिक महत्व काफी ज्यादा है. भूटान, चीन के साथ एक संवेदनशील सीमा साझा करता है. ऐसे में भूटान का भारत की ओर झुकाव, दिल्ली को सुरक्षा के लिहाज से रणनीतिक बढ़त दिलाता है. डोकलाम जैसे मुद्दों पर भूटान का समर्थन भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा है.


भूटान की "ग्रोस नेशनल हैप्पीनेस" पॉलिसी
भूटान ने अपनी विकास नीति को भी अनोखा स्वरूप दिया है. यहां विकास का मापदंड "ग्रोस नेशनल हैप्पीनेस" (GNH) पॉलिसी है, जो भूटान की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक नीतियों को बैलेंस रखती है. यही नीति भूटान को बाकी देशों से अलग बनाती है. 


दुनिया में है यूनिक आइडेंटिटी 
भूटान का शांतिप्रिय रवैया और अपनी संस्कृति के प्रति प्रतिबद्धता ही इसे अमेरिका और रूस जैसी महाशक्तियों से अलग रखता है. वहीं, भारत के साथ इसकी घनिष्ठ मित्रता इसे सुरक्षा और आर्थिक सहायता के लिहाज से मजबूत बनाती है. यही कारण है कि भूटान, दुनिया के नक्शे पर एक अनोखी पहचान बनाए हुए है.