IAS हितेश मीणा, जिन्होंने कहा - मुझे किताब और Exam बता दो और फिर मेरे से आगे कोई निकल के दिखाए
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IAS हितेश मीणा, जिन्होंने कहा - मुझे किताब और Exam बता दो और फिर मेरे से आगे कोई निकल के दिखाए

IAS Hitesh Kumar Meena: आईएएस हितेश मीणा की कहानी हमें सिखाती है कि असफलता के बाद भी हार नहीं माननी चाहिए. लगातार प्रयास और सही दिशा में मेहनत से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है. उनका सफर उन सभी उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा है जो UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सफल होना चाहते हैं. 

IAS हितेश मीणा, जिन्होंने कहा - मुझे किताब और Exam बता दो और फिर मेरे से आगे कोई निकल के दिखाए

IAS Hitesh Kumar Meena: भारत में UPSC सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. हालांकि, इसके बावजूद हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं. इस परीक्षा को पास करने के लिए सही रणनीति और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है. संघ लोक सेवा आयोग तीन चरणों में इस परीक्षा का आयोजन करता है - प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू. जो उम्मीदवार इन तीनों चरणों को सफलतापूर्वक पार करते हैं, वे आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), आईएफएस (IFS) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त होते हैं.

आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अधिकारी की प्रेरणादायक कहानी बताएंगे, जिन्होंने दो बार असफल होने के बावजूद हार नहीं मानी और अपने तीसरे प्रयास में इस परीक्षा में सफलता हासिल की. यह कहानी है आईएएस हितेश कुमार मीणा की, जो वर्तमान में हरियाणा कैडर के अधिकारी हैं.

कौन हैं आईएएस हितेश मीणा?
आईएएस हितेश मीणा 2019 बैच के अधिकारी हैं. उन्होंने BTech की डिग्री आईआईटी बीएचयू, वाराणसी से प्राप्त की है और उसके बाद आईआईटी दिल्ली से MTech (परिवहन इंजीनियरिंग) किया है. हितेश मीणा का जन्म राजस्थान के एक छोटे से गांव में हुआ था. उनके पिता एक किसान हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं.

हितेश हमेशा से पढ़ाई में अव्वल रहे हैं और उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई. हालांकि, इस सफलता तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था. उन्होंने अपने पहले दो प्रयासों में असफलता का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में अपनी मेहनत के दम पर ऑल इंडिया 417वीं रैंक हासिल की.

पहले दो प्रयासों में मिली असफलता
हितेश मीणा ने पहली बार 2016 में UPSC परीक्षा दी थी. उन्होंने प्रीलिम्स और मेंस दोनों परीक्षाएं पास कर लीं और इंटरव्यू तक पहुंचे. हालांकि, वह फाइनल लिस्ट में अपनी जगह नहीं बना सके. उन्होंने दूसरा प्रयास 2017 में किया. इस बार भी उन्होंने प्रीलिम्स और मेंस पास कर लिया और इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन फिर से फाइनल लिस्ट में चयन नहीं हुआ. लगातार दो बार असफल होने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

तीसरे प्रयास में मिली सफलता
हितेश मीणा ने अपना तीसरा प्रयास साल 2018 में किया. इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 417वीं रैंक हासिल की. उन्हें फाइनल लिस्ट में 977 अंक मिले.

सिर्फ यही नहीं, उन्होंने भारतीय वन सेवा परीक्षा (IFoS) 2018 में भी सफलता प्राप्त की. उन्होंने सिविल सेवा और IFoS दोनों के इंटरव्यू दिए और दोनों परीक्षाओं में सफल रहे.

हितेश मीणा का दृढ़ संकल्प
हितेश मीणा ने एक इंटरव्यू में कहा था "किताब मेरे को बता दो, एग्जाम कब है, कितनी किताब पढ़नी है और कोना कौन सा है. इसके बाद अगर कोई मेरे से आगे निकल जाए, तो मेरा नाम बदल देना."

यह बयान उनके आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय को दर्शाता है. वह मानते हैं कि सही दिशा में कड़ी मेहनत करने से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है.

वर्तमान पद और जिम्मेदारियां
हितेश मीणा वर्तमान में हरियाणा कैडर में अतिरिक्त उपायुक्त-सह-जिला नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी, गुरुग्राम के पद पर तैनात हैं. अपने पद पर रहते हुए वह कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यों का जिम्मा संभाल रहे हैं और जनता की सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं.

आईएएस हितेश मीणा और उनकी पत्नी आईएएस रेनू सोगन
हितेश मीणा की शादी आईएएस रेनू सोगन से हुई है, जो 2019 बैच की ही अधिकारी हैं. रेनू सोगन भी अपने प्रयासों और मेहनत से आईएएस बनीं। दोनों ही अधिकारी अपने प्रशासनिक पदों पर जिम्मेदारी से कार्य कर रहे हैं.

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