Anna Rajam Malhotra: भारत की पहली महिला IAS अफसर, जिन्हें एक साथ दिया गया जॉइनिंग और सस्पेंशन लेटर
First Indian Women IAS Officer: अन्ना राजम मल्होत्रा ने एक लंबे और सफल करियर का आनंद लिया है. अन्ना राजम मल्होत्रा के जॉइनिंग लेटर में यह कहा गया था कि उनकी शादी होते ही उनकी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी.
IAS Anna Rajam Malhotra Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. रविंद्र नाथ टौगार के भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले पहले भारतीय पुरुष थे. लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आखिर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाली पहली भारतीय महिला कौन थी?
डीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, अन्ना राजम मल्होत्रा (Anna Rajam Malhotra) यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाली पहली भारतीय महिला थीं और 1947 में भारत को मिली आजादी के बाद वह पहली महिला आईएएस (IAS) अधिकारी बनी थीं.
राजीव गांधी के साथ भी किया काम
अन्ना राजम मल्होत्रा ने एक लंबे और सफल करियर का आनंद लिया और कई पहलुओं पर काम भी किया. वह 1982 के एशियाई खेलों के लिए राजीव गांधी की टीम में भी शामिल हुई थीं.
सबसे पहले मद्रास कैडर में हुईं शामिल
1951 में, 27 वर्ष की आयु में, अन्ना राजम मल्होत्रा ने सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलावा आया. इंटरव्यू पैनल ने अन्ना राजम मल्होत्रा को विदेशी या केंद्रीय सेवाओं में शामिल होने के लिए भी राजी किया था, क्योंकि महिलाओं के लिए वह पोस्ट अधिक उपयुक्त थी, लेकिन अन्ना राजम मल्होत्रा अपने फैसले पर खड़ी रहीं और वह सिविल सेवा के मद्रास कैडर में शामिल हो गईं.
जॉइनिंग और सस्पेंशन एक साथ
अन्ना राजम मल्होत्रा के जॉइनिंग लेटर में यह भी उल्लेख किया गया था कि उनकी शादी के बाद उनकी सेवा बंद कर दी जाएंगी. हालांकि, बाद में इस नियम में बदलाव किया गया. तत्कालीन सीएम सी राजगोपालाचारी भी चिंतित थे और वह उन्हें जिला उप-कलेक्टर के रूप में नामित करने में संकोच कर रहे थे, क्योंकि उनका मानना था कि "महिलाओं को नागरिक बलों में सेवा नहीं देनी चाहिए".
हालांकि, अपने पूरे जीवन में अन्ना राजम मल्होत्रा ने अपने पुरुष समकक्षों के साथ काम किया और कड़ी मेहनत, कौशल और ज्ञान के माध्यम से हमेशा विजयी हुईं.
अमेरिका जाकर IMF में किया काम
अन्ना राजम मल्होत्रा बाद में होसुर जिले की पहली महिला जिला उप-कलेक्टर बनीं. बाद में उन्होंने वाशिंगटन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के कार्यकारी निदेशक के रूप में भी काम किया.
महिलाओं के लिए बनीं प्रेरणा
दुख की बात है कि अन्ना राजम मल्होत्रा का 91 साल की उम्र में सितंबर 2018 में मुंबई में निधन हो गया, हालांकि, उनकी कहानी आज तक जीवित है. अन्ना राजम मल्होत्रा के निधन के बाद भी वह सभी महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं.