BPSC परीक्षा रद्द करने की मांग पर बवाल गहराया, प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज; वाटर कैनन का इस्तेमाल
BPSC Protest: बीपीएससी द्वारा आयोजित 70वीं एकीकृत संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई), 2024 का पेपर लीक होने के आरोपों के कारण उम्मीदवार एक सप्ताह से ज्यादा समय से परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
BPSC Aspirants Protest: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के पेपर लीक मामले को लेकर विवाद अब गतिरोध का रूप लेता दिख रहा है. बिहार की पटना में बीपीएससी उम्मीदवारों का बवाल लगातार जारी है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने शनिवार को पटना जिला प्रशासन की आयोग के अधिकारियों से बातचीत की पेशकश ठुकरा दी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने का समय मांगा. परीक्षा कैंसिल कराने की मांग को लेकर युवाओं ने प्रोटेस्ट किया.
इस दौरान पुलिस ने लगातार उम्मीदवारों को रोकने की कोशिश की, लेकिन छात्रों बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए आगे बढ़ गए. डाक बंगला चौराह से आगे बढ़ते हुए उम्मीदवारों ने जमकर बवाल मचाया है. इस दौरान पटना के जेपी गोलंबर के पास पुलिस द्वारा वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया. इसके अलावा प्रशासन द्वारा लाठी चार्ज भी किया गया. यहां पढ़िए पूरी खबर...
भारी पुलिस फोर्स किया तैनात
छात्रों का एक डेलीगेट बिहार के मुख्य सचिव से बात करने के लिए जाएगा और तब तक प्रशांत किशोर गांधी मैदान में बड़ी गांधी मूर्ति के पास बैठे रहेंगे. वहीं, शिवम डाक बंगला चौराहे पर एडिशनल पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है और डाक बंगला चौराहे के चारों तरफ के रास्ते को बंद किया जा रहा है.
कोचिंग संस्थान मालिक को चेतावनी
पटना के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) चंद्रशेखर सिंह ने भी अपना रुख सख्त करते हुए कहा कि वह रविवार को जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा बुलाई गई 'छात्र संसद' की अनुमति नहीं देंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई कोचिंग संस्थान मालिक किसी भी तरह से विरोध प्रदर्शन में शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. किशोर शनिवार को गर्दनीबाग गए थे, जहां पिछले कई दिनों से बीपीएससी के अभ्यर्थी धरना दे रहे हैं.
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए किशोर ने कहा, "यहां आने से पहले मैंने शिक्षा क्षेत्र के लोगों से लंबी चर्चा की थी. मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि जहां तक बीपीएससी परीक्षाओं का सवाल है, अनियमितताएं और पेपर लीक होना अब आम बात हो गई है. ऐसे ही नहीं चल सकता... हमें इसका समाधान निकालना होगा. इसलिए हमने इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए कल पटना के गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास 'छात्र संसद' आयोजित करने का फैसला किया है."
सिंह ने कहा, "जिला प्रशासन छात्रों को गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास एकत्र होने की अनुमति नहीं देगा... यह प्रतिबंधित क्षेत्र है. वहां अन्य कार्यक्रम भी चल रहे हैं. गांधी मैदान और उसके आसपास पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. कल कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."
सीएम से मिलना चाहते हैं उम्मीदवार
प्रदर्शनकारी छात्रों को जिला प्रशासन की ओर से दी गई पेशकश के बारे में डीएम ने कहा, "प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है. इससे पहले दिन में हमने उन्हें बीपीएससी अधिकारियों के साथ बैठक की सुविधा देने का प्रस्ताव दिया था, ताकि वे अपनी शिकायतें रख सकें, लेकिन अभ्यर्थी इस संबंध में सीएम से मिलना चाहते हैं."
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने शनिवार को कहा कि प्रदर्शनकारियों को बातचीत के लिए अपने पांच प्रतिनिधियों को नामित करना होगा, जिसके बाद बीपीएससी मुलाकात के लिए 'उचित समय के भीतर' निर्णय लेगा.
चंद्रशेखर सिंह ने शनिवार को 'पीटीआई-भाषा' से कहा, "जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को अपने प्रतिनिधियों (सभी परीक्षार्थी) की लिस्ट देने को कहा है, ताकि हम इस मुद्दे पर बीपीएससी अधिकारियों के साथ उनकी बैठक करवा सकें." उन्होंने कहा, "वे बैठक में आयोग के अधिकारियों को अपनी शिकायतों से अवगत करा सकते हैं. जिला प्रशासन भी प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को आश्वस्त करता है कि आयोग उचित समय के भीतर उचित निर्णय या रुख अपनाएगा."
BPSC एक स्वतंत्र निकाय: DM चंद्रशेखर सिंह
चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि आयोग एक स्वतंत्र निकाय है और वह अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है. सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है. प्रदर्शनकारी कई दिन से गर्दनी बाग में धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि सभी केंद्रों पर हुई परीक्षा रद्द करने का आदेश दिया जाना चाहिए, क्योंकि केवल एक केंद्र के लिए पुनर्परीक्षा 'समान अवसर' के सिद्धांत के विरुद्ध होगी.
इसके अलावा डीएम ने कहा कि जिला प्रशासन कोचिंग संस्थान के मालिकों और उनके छात्रों की गतिविधियों पर भी नज़र रख रहा है. उन्होंने कहा, "हम उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं. अगर वे प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों को भड़काने वाली गतिविधियों में लिप्त पाए गए, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी."
यूट्यूबर मोतीउर रहमान खान से पूछताछ
इंडिया गठबंधन के सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम-एल) लिबरेशन ने भी 30 दिसंबर को बिहार में कुछ छात्र संगठनों द्वारा किए गए 'चक्का जाम' के आह्वान का समर्थन करने का फैसला किया है. पटना पुलिस ने गर्दनी बाग में छात्रों को संबोधित करके प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों को भड़काने और भड़काऊ भाषण देने के आरोप में शनिवार को प्रभावशाली यूट्यूबर मोतीउर रहमान खान उर्फ गुरु रहमान से पूछताछ की.
पूछताछ के बाद रहमान ने मीडिया से कहा, "मैंने अधिकारियों से साफ कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि पेपर लीक हुआ है, मैंने बस इतना कहा कि मैं 'अंकों के सामान्यीकरण' की प्रक्रिया के खिलाफ हूं, जो निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कई शिफ्टों में आयोजित परीक्षाओं के अंकों को समायोजित करता है. पुलिस ने मुझे बीपीएससी उम्मीदवारों के किसी भी धरने या विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लेने को कहा है. मुझे तीन जनवरी को पूछताछ के लिए फिर से बुलाया गया है."
जानिए बीपीएससी का क्या कहना है
इस बीच बीपीएससी ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा, "किसी भी केंद्र की परीक्षा रद्द करने का निर्णय आयोग द्वारा संबंधित जिला प्रशासन द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर लिया जाता है. परीक्षा राज्य भर में 912 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और उनमें से 911 केंद्रों पर स्वतंत्र और निष्पक्ष परीक्षा आयोजित की गई थी. आयोग ने 13 दिसंबर को उपद्रवी उम्मीदवारों द्वारा किए गए हंगामे के कारण पटना के कुम्हरा इलाके में बापू परीक्षा परिसर में आयोजित सीसीई की प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर दी."
बिहार भाजपा प्रमुख दिलीप जायसवाल ने बीपीएससी अभ्यर्थियों के चल रहे विरोध प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए शनिवार को संवाददाताओं से कहा, 'राज्य सरकार छात्रों के प्रति बहुत संवेदनशील है, लेकिन उन्हें ठोस सबूतों के साथ सामने आना चाहिए कि 13 दिसंबर का पेपर लीक हुआ था. विपक्षी दल बस इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं और वे छात्रों को भी भड़का रहे हैं.'
(इनपुट- एजेंसी भाषा)