History of Christmas: क्रिसमस का पर्व नजदीक है, भारत समेत पूरे विश्व में इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. पूरी दुनिया के लोग पुराने समय से हर साल 25 दिसंबर को क्राइस्ट का बर्थ-डे मानती है. जबकि, कई बार यह माना जा चुका है कि ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर को नहीं हुआ था, तो क्यों इस दिन को उनके बर्थ-डे के रूप में मनाया जाता है? वहीं, एक और दिलचस्प बात यह भी है कि क्रिसमस हमेशा से 25 दिसंबर को नहीं मनाया जाता था. आइए जानते हैं यहां इस पर्व से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें...


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कोई नहीं जानता ईसा की जन्म तारीख
ईसामसीह के जन्म के दिन को लेकर हमेशा से ही सवाल उठाएं जा रहे हैं. कहा जाता है कि इस पर कई शोध भी हुए, लेकिन सटीक तारीख किसी में भी पता नहीं चली. कि ईसा मसीह कब पैदा हुए थे. प्रचलित धारणा के अनुसार उनका जन्म गर्मी के दिनों में हुआ था, तो आइए जानते हैं कि 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्मदिन मानते हुए सेलिब्रेट करने की क्या कहानी है.


25 दिसंबर को 'बड़ा दिन' के रूप में मनाते हैं
एक रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं को लगता है कि रोमन कैथोलिक चर्च ने इस दिन को 'बड़े दिन' के रूप में चुना था. कहते हैं कि इसे विंटर सोलिस्टिस से जोड़ा गया, जो कि उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन होता है. उसके अगले दिन से दिन की लंबाई धीरे-धीरे बढ़ने लगती है. इस दिन रोमन संस्कृति के शनि के देवता का पर्व'सैटर्नालिया' भी मनाते हैं.


चर्च ने चुना ये दिन
ऐसे में चर्च ने इस तारीख को ईसा मसीह के जन्मदिन के तौर पर सेलिब्रेट करने का निर्णय लिया था. तब यूरोप में गैर ईसाई लोग इस दिन को सूर्य के जन्मदिन के रूप में मनाया करते थे, ऐसे में चर्च के इस फैसले के पीछे धारणा  गैर ईसाईयों के सामने एक बड़ा त्योहार खड़ा करने की बताई जाती है. दरअसल, ठंड के मौसम में सूर्य की गर्मी कम होने पर गैर ईसाई सूर्य के लौटने की प्रार्थना करते थे. वे मानते थे कि इसी दिन सूर्य अपने लौटने के सफर की शुरुआत करता है.


ईस्टर पर्व के 9 माह बाद 
एक मान्यता यह भी है कि ईसा मसीह उनके पर्व ईस्टर के दिन अपनी मां के गर्भ में आए थे, इस तरह उसके 9 महीने बाद लोग उनका जन्मदिन मानते हैं. गर्भ में आने के दिन को रोमन और कई लोगों ने 25 मार्च माना था. वहीं, ग्रीक कैलेंडर के मुताबिक इसे 6 अप्रैल माना जाता है. इसके अनुसार 25 दिसंबर और 6 जनवरी की तारीखें सामने आईं थीं. इस तरह इतिहास में क्रिसमस की तारीख कई बार बदलती रही है.


हालांकि, शुरुआत क्रिसमस का त्योहार जनवरी में ही मनाते थे. फिर आखिरकार यह 25 दिसंबर पर आकर ठहर गई. आज भी अगर कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट परंपराओं में ईसाई 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाते हैं तो रूस, मिस्र, यूनान आदि देशों के ऑर्थोडॉक्स क्रिश्चियन 6 या 7 जनवरी को क्रिसमस मनाते हैं.