Rajasthan News: टोंक में अस्पताल की लापरवाही से गई मासूम की जान, परिजनों के सामने तड़प-तड़पकर हुई मौत
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Rajasthan News: टोंक में अस्पताल की लापरवाही से गई मासूम की जान, परिजनों के सामने तड़प-तड़पकर हुई मौत

Tonk Government Hospital: टोंक के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही के चलते 13 साल के मासूम की दर्दनाक मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर देरी से आने के चलते बच्चे की मौत होने पर अस्पताल में हंगामा करते हुए कार्रवाई की मांग की है.

Rajasthan News: टोंक में अस्पताल की लापरवाही से गई मासूम की जान, परिजनों के सामने तड़प-तड़पकर हुई मौत

Tonk News: राजस्थान के अलग-अलग जिलों से लगातार लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला टोंक से आया है, जहां लापरवाही के चलते 13 साल के मासूम की दर्दनाक मौत हो गई. मासूम बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही और समय पर डॉक्टर इलाज के लिए उपलब्ध नहीं होने का आरोप लगाया है. वहीं परिजनों ने इस घटना के बाद जमकर बवाल किया. पढ़ें खबर विस्तार से...

लापरवाही के चलते 13 साल के मासूम की मौत  
राजस्थान के टोंक जिले के सबसे बड़े सरकारी जनाना अस्पताल में लापरवाही के चलते पर 13 साल के मासूम बच्चे ने दम तोड़ दिया. मिली जानकारी के मुताबिक दरअसल टोंक के नला गांव निवासी आयुष को पेट दर्द की शिकायत के बाद निवाई अस्पताल से टोंक इलाज के लिए रेफर किया गया. बच्चा पेट दर्द से तड़प रहा था, लेकिन लापरवाह डॉक्टर और स्टाफ के लेटलतीफ़ पहुंचने पर बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई. 

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परिजनों ने किया हंगामा
मृतक आयुष के परिजनों का आरोप है कि वो सुबह निवाई से आयुष को जनाना अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन काफी देर तक भी बच्चे को किसी भी तरह का कोई इलाज नहीं दिया गया, जिसके बाद परिजनों के सामने ही आयुष ने तड़पते हुए दम तोड़ दिया. परिजनों ने आरोपों लगाया कि आयुष को प्राथमिक इलाज के लिए डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ से गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने भी उसकी सुध नहीं ली. वहीं बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया. घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच  में जुट गई.

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दी जानकारी 
वहीं मामले को लेकर टोंक के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अशोक कुमार यादव ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि आयुष के इलाज में शिशु वार्ड के मेडिकल स्टाफ कर्मचारी कमलेश की लापरवाही सामने आई है. यादव ने बताया की बच्चे की तबियत बिगड़ने के बाद भी मेडिकल स्टाफ द्वारा शिशु विशेषज्ञ डॉक्टर को कॉल नहीं किया गया. यादव का दावा है की मामले की फेक्चुअल रिपोर्ट निदेशालय भेजी जाएगी और लापरवाही के खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा.

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