GK for students in Hindi: दुन‍ियाभर के अरबपत‍ि समय-समय पर समाज‍िक कार्य करते रहते हैं और देश व समाज को बेहतर बनाने के ल‍िए पैसे दान करते हैं. भारत के सबसे उदार परोपकारी लोगों की चर्चा करते समय, आपके द‍िमाग में जरूर रतन टाटा और अजीम प्रेमजी जैसे नाम आते होंगे. लेक‍िन क्‍या आपको पता है क‍ि दुन‍िया का सबसे बडा दानवीर व्‍यक्‍त‍ि होने का ख‍िताब क‍िसके पास है? द‍िमाग पर जोर डालने के बाद आपको एलन मस्‍क, मुकेश अंबानी, रतन टाटा आद‍ि जैसे उद्योगपत‍ियों के नाम याद आ रहे होंगे. लेक‍िन ये ख‍िताब इनमें से क‍िसी के पास भी नहीं है. दुनिया के सबसे बड़े दानवीर का खिताब टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के पास है. उन्‍होंने 8.29 लाख करोड़ रुपये दान कर द‍िये. ये रकम आज के कई प्रमुख अरबपतियों के दान से भी अधिक है.  3 मार्च 1839 को जन्मे और "भारतीय उद्योग के जनक" के रूप में जाने जाने वाले जमशेदजी टाटा के परोपकारी प्रयासों ने पूरे भारत में अनगिनत लोगों के जीवन को बदल दिया. 


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जमशेदजी टाटा का 8.29 लाख करोड़ का दान
साल 2021 में एडेलगिव हुरुन फिलैंथ्रोपी ने एक रिपोर्ट जारी की थी, ज‍िसमें ये कहा गया था क‍ि जमशेदजी टाटा के दान ने मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, अजीम प्रेमजी और शिव नादर जैसे अन्य लोगों से कहीं ज्‍यादा दान दिया है. जमशेदजी टाटा ने हेल्‍थ सर्व‍िस और शिक्षा के ल‍िए बडी भूमिका निभाई. इस क्षेत्र में उन्‍होंने लाखों लोगों का जीवन सुधारा. 


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कौन हैं जमशेदजी टाटा? 
जमशेदजी टाटा की यात्रा 1868 में टाटा समूह की स्थापना के साथ शुरू हुई. इसे एक छोटे से उद्यम के रूप में शुरू किया गया था. यह समूह अब भारत के सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित समूह में से एक बन गया है, जिसका मूल्य लगभग 24 लाख करोड़ रुपये है.  आज, टाटा समूह में 10 उद्योगों की 30 से अधिक कंपनियां शामिल हैं, जिनकी वैश्विक उपस्थिति बहुत बड़ी है. सामाजिक जिम्मेदारी और परोपकार के लिए जमशेदजी का दृष्टिकोण पीढ़ियों से चला आ रहा है और टाटा समूह इन मूल्यों को अपनाता आ रहा है. 


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भारत के शीर्ष दानकर्ता
जमशेदजी टाटा परोपकारी योगदान के मामले में बेजोड़ हैं, लेकिन कई और भारतीय ब‍ितनेसमैन ने दान देने में महत्वपूर्ण भूम‍िका न‍िभाई है. विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी ने लगभग 22 बिलियन अमेरिकी डॉलर (1.76 लाख करोड़ रुपये) का दान दिया है, जिससे वे विश्व स्तर पर शीर्ष परोपकारी लोगों में से एक बन गए हैं. हालांकि ये दान काफी बड़े हैं, लेकिन दुनिया में कोई भी अन्य परोपकारी व्यक्ति जमशेदजी टाटा के आजीवन योगदान के पैमाने के करीब नहीं आता है. 


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