Who is Mohammad Sahil Akhtar: IIT कई स्टूडेंट्स के लिए एक सपनों का कॉलेज है जो इंजीनियर बनना चाहते हैं. जहां कुछ स्टूडेंट्स IIT में एडमिशन पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, वहीं कुछ छात्र तो इसमें एडमिशन ले लेते हैं लेकिन फिर इसे ज्वाइन करने का फैसला नहीं करते. कोलकाता का एक ऐसा ही छात्र है जिसने आगे की पढ़ाई के लिए आईआईटी ज्वाइन करने का सपना देखा था. उसने कक्षा 10 के बाद आईआईटी जेईई की तैयारी शुरू कर दी लेकिन फिर आईआईटी काउंसलिंग छोड़ दी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) ज्वाइन कर लिया.


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मोहम्मद साहिल अख्तर, जिन्होंने जेईई-एडवांस्ड 2023 के लिए ऑल इंडिया मेरिट लिस्ट में एआईआर 99 हासिल किया, आईआईटी काउंसलिंग से बाहर हो गए और बेहतर मौके की तलाश में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में एडमिशन लेने का फैसला किया.


एक इंटरव्यू में, जब मोहम्मद साहिल अख्तर से आईआईटी के बजाय एमआईटी में शामिल होने के उनके फैसले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "एमआईटी में रिसर्च के ज्यादा मौके हैं और फ्लेक्सिबल करिकुलम है."


उन्होंने कहा, "आम तौर पर, सबसे ज्यादा डिमांड वाला रूट कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसई) में आईआईटी में शामिल होना है. मेरे माता-पिता ने आईआईटी बॉम्बे पर विचार करने का सुझाव दिया होगा."  जैसे-जैसे मोहम्मद साहिल अख्तर बड़े हुए, उन्हें एहसास हुआ कि आईआईटी के अलावा अन्य ऑप्शन भी मौजूद हैं. जॉर्जिया में IOAA ओलंपियाड में हिस्सा लेने के बाद उन्हें इस बात का एहसास हुआ.


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एडमिशन पाने के लिए किसी प्रवेश परीक्षा या रैंक की जरूरत नहीं थी. मैंने स्टैंडर्ड एडमिशन टेस्ट (SAT) दिया था, लेकिन MIT में एडमिशन के लिए SAT स्कोर से ज्यादा अहमियत मेरे आवेदन का मूल्यांकन करने वाली संस्थान की प्रवेश समिति को थी. इस मूल्यांकन में मेरी पूरी शैक्षणिक रिकॉर्ड, पढ़ाई और एक्टस्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में उपलब्धियां, निबंध और स्कूल के टीचर्स के सिफारिश लेटर शामिल थे. यह बात मोहम्मद साहिल अख्तर ने कही.


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मोहम्मद साहिल अख्तर का जन्म और पालन-पोषण कोलकाता में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) रूबी पार्क से पूरी की. मोहम्मद साहिल अख्तर अभी MIT में पढ़ रहे हैं और उनका एक YouTube चैनल भी है जहां वे अपने डेली व्लॉग्स के माध्यम से अपने सभी एक्सपीरिएंस शेयर करते हैं.


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