दिल्ली: बॉम्ब थ्रेट ईमेल के पीछे निकले खुद स्कूल के छात्र, परीक्षा टालने की थी कोशिश
Advertisement
trendingNow12569753

दिल्ली: बॉम्ब थ्रेट ईमेल के पीछे निकले खुद स्कूल के छात्र, परीक्षा टालने की थी कोशिश

Delhi School Bomb Blast: दिल्ली पुलिस ने कहा कि स्पेशल सेल की जांच में पाया गया कि दोनों स्कूलों को भेजे गए ईमेल अलग-अलग छात्रों ने भेजे थे. दोनों छात्रों ने परीक्षा से बचने के लिए यह ईमेल भेजा था.

दिल्ली: बॉम्ब थ्रेट ईमेल के पीछे निकले खुद स्कूल के छात्र, परीक्षा टालने की थी कोशिश

Delhi School Bomb Blast: दिल्ली पुलिस ने रविवार को खुलासा किया कि रोहिणी के दो स्कूलों को भेजे गए बम धमकी वाले ईमेल उनके ही छात्रों ने भेजे थे. पुलिस के अनुसार, दोनों छात्रों ने ये धमकी भरे ईमेल इसलिए भेजे क्योंकि वे परीक्षा के लिए तैयार नहीं थे और इसे टालना चाहते थे.

दिल्ली पुलिस ने कहा, "स्पेशल सेल की जांच में पाया गया कि दोनों स्कूलों को भेजे गए ईमेल अलग-अलग छात्रों ने भेजे थे. दोनों छात्रों ने परीक्षा से बचने के लिए यह ईमेल भेजा था." 

पुलिस ने आगे कहा, "चूंकि दोनों ही छात्र हैं, इसलिए उन्हें काउंसलिंग दी गई और छोड़ दिया गया."  

पहला मामला: पश्चिम विहार के स्कूल का
14 दिसंबर को, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पश्चिम विहार के एक प्राइवेट स्कूल के छात्र को बॉम्ब ब्लास्ट की धमकी भरा ईमेल भेजने के मामले में पहचाना.  
पुलिस के मुताबिक, इस छात्र ने अपने ही स्कूल को धमकी भरा ईमेल भेजा था. आईपी एड्रेस का पता लगाकर, पुलिस की टीम ने छात्र के घर का पता लगाया. पूछताछ के दौरान, छात्र ने अपनी गलती स्वीकार की. पुलिस ने उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया और उसके माता-पिता को उसकी निगरानी रखने के निर्देश दिए.

दिल्ली के अन्य स्कूलों को भी धमकी भरे ईमेल
बता दें कि 14 और 17 दिसंबर को दिल्ली के कई स्कूलों को बॉम्ब ब्लास्ट की धमकी वाले ईमेल मिले थे. वहीं, 13 दिसंबर को, दिल्ली के कुल 30 स्कूलों को ऐसे ही फर्जी बॉम्ब ब्लास्ट की धमकी वाले ईमेल भेजे गए.

केजरीवाल की चिंता
13 दिसंबर को, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने स्कूलों को बार-बार मिल रही बॉम्ब ब्लास्ट की धमकियों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि ये घटनाएं बच्चों की पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकती हैं.

दिल्ली हाई कोर्ट का निर्देश
दिल्ली हाई कोर्ट ने 19 नवंबर को दिल्ली सरकार और पुलिस को निर्देश दिया कि वे बॉम्ब ब्लास्ट की धमकियों और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार करें. हाई कोर्ट ने इसे पूरा करने के लिए आठ सप्ताह की समय सीमा तय की है.  

यह घटना बच्चों द्वारा परीक्षा के डर को दिखाती है, लेकिन इस तरह की हरकतें न केवल गलत हैं, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती भी बनती हैं.

इनपुट - ANI

Trending news