Skills And Technological Knowledge: देश में ज्यादातर क्षेत्रों में तेजी से बदलाव हो रहे हैं. ये बदलाव युवाओं की बेहतरी के लिए हैं , जो आने वाले समय में जॉब मार्केट में उनकी वैल्यू को बनाए रखने और करियर में ग्रोथ पाने में मददगार साबित होंगे. कुछ ऐसे ही बेहतरी की उम्मीद इंजीनियरों की अगली जनरेशन को लेकर की जा रही है, जिसके लिए नए रास्ते भी तलाशे जा रहे हैं. उद्योग और शिक्षा जगत की साझेदारी को भविष्य के इंजीनियरों के लिए जरूरी बताया जा रहा है. आइए जानते हैं कि आखिर कैसे मिल सकते हैं देश को बेस्ट इंजीनियर और इसमें एजुकेशन में इंडस्ट्री का रोल क्या होगा...


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क्यों कहा इस साझेदारी को जरूरी


इस पार्टनरशिप के बिना युवा इंजीनियर वैश्विक जरूरतों के अनुरूप इनोवेशन नहीं कर पाएंगे ये कहना है आईईईई के अध्यक्ष का. गैर-लाभकारी संगठन आईईईई दुनिया भर में टेक्नोलॉजी के प्रसार के लिए कार्यरत है. आईईईई अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी थॉमस एम कुगलिन ने एक कार्यक्रम में सुझाव देते हुए कहा कि तेजी से बदलते टेक्नोलॉजिकल माहौल में इंजीनियरिंग एजुकेशन को भी कई बदलावों से गुजरना होगा. 


इंजीनियरिंग एजुकेशन में बदलाव


टेक्नीकल प्रोफेशनल्स के सबसे बड़े संगठन आईईईई ने हाल ही में भारत में इंजीनियरिंग एजुकेशन में बदलाव के विषय पर हायर एजुकेशन समिट का आयोजन किया था. आईईईई प्रमुख कुगलिन ने सम्मेलन में मौजूद प्रतिष्ठित शिक्षकों, उद्योग जगत के दिग्गजों और नीति-निर्माताओं का ध्यान भविष्य की तरफ आकर्षित करने की कोशिश की. 


थॉमस एम कुगलिन ने कहा, "तेज तकनीकी प्रगति और उद्योग के बदलते परिदृश्य के लिए इंइंजीनियरिंग एजुकेशन में कई बदलाव करने की जरूरत है. लचीले दृष्टिकोण को अपनाकर और उद्योग एवं शिक्षा जगत के बीच मजबूत साझेदारी बनाकर इंजीनियरों की अगली पीढ़ी को कौशल और ज्ञान प्रदान कर सकते हैं. उन्हें इनोवेशन और वैश्विक समस्याओं को हल करने के लिए इसकी जरूरत होगी." 


इस मौके पर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के चेयरमैन प्रोफेसर टी जी सीताराम ने छात्रों को भविष्य के लिए बेहतर ढंग से तैयार करने के उद्देश्य से नई शिक्षा पद्धतियों और सिलेबस में सुधार की जरूरत पर बल दिया. इसके अलावा कार्यक्रम में टेक्नीकल एजुकेशन को बेहतर करने की कोशिशों को लेकर ग्रुप डिस्कशन भी हुआ.


(इनपुट- भाषा)