मन प्राइवेट जॉब में नहीं लगा तो क्रैक कर डाली UPSC की परीक्षा, अब IAS कुमार रवि अचानक हुए तबादले के चलते बटोर रहे सुर्खियां
IAS Story: बिहार में रविवार को अचानक ही कुछ आईएएस अफसरों के तबादल कर दिए गए. इस ट्रांसफर लिस्ट में एक नाम बेहद चौंका देने वाला था,जो पटना कमिश्नर कुमार रवि का था. आइए जानते हैं कौन हैं कुमार रवि और कितने पढ़े-लिखे हैं...
IAS Kumar Ravi Success Story: इस समय बिहार कैडर के आईएएस और आईपीएस ऑफिसर खबरों की सुर्खियों में हैं. हाल ही में आईपीएस काम्या मिश्रा ने अपना इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया था. वहीं, आईएएस काम्या मिश्रा की राजस्थान के सीएम के बेटे से सगाई की खबरों का दावा जा रहा है और अब एक और आईएएस अधिकारी चर्चा में हैं. हम बात कर रहे हैं आईएएस कुमार रवि की, जो अचानक हुए ट्रांसफर के चलते खबरों में है. कुमार रवि का ट्रांसफर मुख्यमंत्री सचिवालय में किया गया है. इससे पहले वह पटना के डीएम भी रहे हैं. रवि कुमार ने अपने कान की बदौलत लोगों के दिलों पर एक अमिट छाप छोडी है. यहां जानिए कौन हैं आईएएस कुमार रवि और कब से इस पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं...
हालांकि, आईएएस-आईपीएस अधिकारियों के तबादले होते रहते हैं, लेकिन ये जरा चौंका देने वाली खबर थी. दरअसल, कुछ ऐसा कि रविवार छुट्टी का दिन होने के बावजूद कुमार रवि ड्यूटी पर थे, क्योंकि वह पूरे दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मौजूद रहे. सीएम पटना में बाढ़ और जलभराव की स्थिति का जायजा लेने के लिए निकले थे. इस दौरान आईएएस ने ही सीएम को जलजमाव और बाढ़ से बचने के लिए की गई तमाम व्यवस्थाएं दिखाईं. इसके बाद शाम में 4 आईएएसअधिकारियों के ट्रांसफर की लिस्ट आई, जिसमें कुमार रवि का भी नाम शामिल था.
बिहार के ही रहने वाले हैं कुमार रवि
आईएएस कुमार रवि बिहार के ही रहने वाले हैं. उनका जन्म और स्कूल एजुकेशन नालंदा में हुआ. इसके बाद अपनी मेहनत की बदौलत वह आईआईटी में सीट पाने में कामयाब रहे. आईआईटीके एंट्रेस एग्जाम में उन्होंने ऑल इंडिया 142वीं रैंक हासिल की थी. कुमार रवि ने आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है. आईआईटी कानपुर की ओर से उन्हें 2020 में सत्येंद्र के. दुबे मेमोरियल अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
एमएनसी में मिली शानदार जॉब
कुमार रवि ने पढ़ाई होते ही 2001 में दिल्ली आकर एक एमएनसी में नौकरी की. यहां जनवरी 2002 तक काम किया लेकिन उनका मन प्राइवेट जॉब में लगा नहीं. इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ कर यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम देने का फैसला लिया. वह तैयारी में जुट गए और पहले ही प्रयास में उन्होंने 2003 में सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर ली. उनका चयन इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS) के लिए हो गया, जहां आयकर सहायक आयुक्त रहे.
कब बने आईएएस?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में नौकरी करने के बाद भी वह सिविल सर्विस परीक्षा के लिए तैयारी करते रहे. आखिरकार 2005 में वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हो गए और उन्हें बिहार कैडर मिला.
काम को लेकर पूरी तरह समर्पित
कुमार रवि ने अपने कार्यकाल में कई सराहनीय कार्य किए. साल 2008 में सुपौल जिले में बाढ़ के दौरान उन्होंने बेहतरीन काम किया था. उन्होंने राज्य सरकार के राहत और पुनर्वास योजनाओं को पूरी तरह से लागू किया. उन्होंने विधानसभा उपचुनाव 2009, विधानसभा चुनाव 2010, पंचायत चुनाव 2011 और 2012 के PACS चुनाव सफलता पूर्वक संपन्न कराए. गया जिले में हिंसा प्रभावित इलाकों में शांति व्यवस्था बहाल की. जनवरी 2018 में पटना के डीएम का चार्ज लेने के बाद अतिक्रमण मुक्त अभियान और ट्रैफिक व्यवस्था ठीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.