IAS Saumya Pandey Rank: आम तौर पर, यूपीएससी सीएसई को पास करने में कई उम्मीदवारों को दो से तीन साल लगते हैं, कुछ को दुनिया भर में सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक मानी जाने वाली इस परीक्षा में सफल होने के लिए छह प्रयास करने पड़ते हैं. यूपीएससी परीक्षा में तीन फेज होते हैं: एक प्रारंभिक परीक्षा, एक मैने एग्जाम और एक पर्सनल इंटरव्यू. यह बहुत कठिन परीक्षा है और इसके लिए बहुत लंबे सिलेबस की अच्छी समझ की जरूरत होती है, इसलिए ज्यादातर कैंडिडेट्स आमतौर पर परीक्षा पास करने के लिए कई अटेंप्ट करते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हालांकि, 2017 उत्तर प्रदेश कैडर की आईएएस अधिकारी सौम्या पांडे ने 2016 में पहले ही अटेंप्ट में शानदार ऑल इंडिया रैंक (AIR) 4 हासिल की. ​​12 जनवरी 1994 को प्रयागराज में जन्मी सौम्या पांडे इसी शहर की स्टूडेंट थीं. पढ़ाई में होनहार होने के अलावा सौम्या पांडे एक बेहतरीन प्लेयर भी हैं, जिन्होंने स्कूल के दिनों में स्वीमिंग और बास्केटबॉल में मेडल जीते थे.


कक्षा 10 की परीक्षा में उसने 98 फीसदी नंबरों के साथ अपने पूरे जिले में टॉप किया और कक्षा 12 में 97.8 प्रतिशत नंबर प्राप्त किए. स्कूल के बाद, उसने मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उन्होंने विश्वविद्यालय में टॉप किया और 2015 में गोल्ड मेडल जीता. अगले साल उन्होंने यूपीएससी सीएसई दिया. परिणाम घोषित होने के समय, जब वह अपनी मां के साथ लिस्ट में सबसे नीचे अपना नाम देख रही थी, तो उन्हें शायद ही पता था कि वह वास्तव में टॉप 5 में थीं. हाल ही में, सौम्या पांडे सोशल मीडिया पर तब चर्चा में आईं, जब उनकी एक बुजुर्ग विकलांग व्यक्ति के साथ बैठी और बात करती हुई फोटो वायरल हुईं.


IIT ग्रेजुएट की जिद थी कि IAS ही बनना है, इसलिए IPS बनने के बाद भी दिया UPSC


सौम्या कहती हैं कि प्रीलिम्स की तैयारी बेसिक्स से शुरू करनी चाहिए. इसके लिए एनसीईआरटी की किताबों से बेहतर कोई विकल्प नहीं है. सौम्या ने शास्त्रीय नृत्य भी सीखा है और वह बास्केटबॉल प्लेयर भी हैं. इसके अलावा वह एनसीसी बी और सी सर्टिफिकेट होल्डर भी हैं.


Success Story: 13 साल की उम्र में हो गए थे अनाथ, बिना कोचिंग  किया UPSC क्रैक और बन गए अफसर